कप्तान विराट कोहली मैच से पहले प्रेस कांफ्रेंस में कह चुके थे कि पांचवे गेंदबाज को टीम में शामिल करने के लिए बल्लेबाजों को अतिरिक्त जिम्मेदारी उठाना होगी। पहले दिन की समाप्ति तक प्रतीत हुआ कि विराट कोहली ने ही अतिरिक्त जिम्मेदारी संभालने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने टेस्ट में पहले दोहरा शतक जमाया। कोहली बल्लेबाजी के अलावा फील्डिंग के दौरान अपने खिलाड़ियों का भरपूर उत्साह बढ़ाते हुए दिखे। वह दो बार अंपायर इयान गोउल्ड से असहमति जताते दिखे। दूसरे दिन स्टंप्स से पहले कोहली ने एक ओवर करने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन भारतीय टीम ने नजदीकी फील्डर के लिए हेलमेट बुलवाने में समय लगा दिया था। टीम इंडिया का मकसद नाईट वॉचमैन देवेन्द्र बिशु को आउट करना था। अंपायर ने वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल करके स्टंप्स घोषित करने का फैसला किया। कोहली इस फैसले से नाराज नजर आए। तीसरे दिन मार्लोन सैमुअल्स का कैच विकेट के पीछे साहा ने पकड़ा। अंपायर ने फैसले के लिए थर्ड अंपायर का सहारा लिया। थर्ड अंपायर ने फैसला बल्लेबाजी टीम के पक्ष में सुनाया। कोहली इससे बेहद नाराज नजर आए। उन्होंने अंपायर से पहले बात की और फिर बाउंड्री के पास कोच कुंबले के साथ भी बात की। विराट के संकेतो से लग रहा था कि फैसला भारतीय टीम के पक्ष में जाना चाहिए था।