क्रिकेट एक संपर्क का खेल नहीं है। खेल के नियमों के अनुसार खिलाड़ियों के बीच जानबूझकर किसी भी तरह के संपर्क अथवा टक्कर की अनुमति नहीं है। संपर्क फिर भी हो सकता है, लेकिन वे ज्यादातर गैर-इरादतन और प्रासंगिक हैं।
ये आइस हॉकी नहीं है जहाँ जानबूझकर किये वार और बदसूरत झगड़े सामान्य हैं। न ही ये फुटबॉल है जहाँ कभी-कभी आप सर से टक्कर मार सकते हैं। शारीरिक संपर्क के मामले और ज्यादा भड़क के कुछ और न बन जाये इसके लिए सजग उपाय किये जाते हैं की आगे कोई उत्तेजित न हो।
लेकिन जब आप अपनी टीम या देश के लिए खेल रहे होते हैं तो युद्ध की गर्मी में ऐसे भी खेल जिसमें न के बराबर संपर्क हो, वहाँ भी कुछ अप्रिय घटनाएँ हो ही जाती हैं। ये भले ही MCC के क्रिकेट की भावनाओं के बेहतरीन उदाहरण नहीं हैं। लेकिन ये निश्चित ही टेलीविज़न की भावनाओं के महान उदाहरण हैं।
तो यहाँ पर 5 उदाहरण हैं जिन्होंने इस "भद्रजनों के खेल" का विपरीत अथवा बुरा पक्ष दिखाया है।