भारतीय क्रिकेट के 5 अविस्मरणीय हीरो जिन्हें लोगों ने भुला दिया

Sadanand-Vishwanath

#4 नरेंद्र हिरवानी

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एक समय ऐसा लग रहा था कि नरेंद्र हिरवानी भारत के सबसे अच्छे लेग स्पिनर साबित होंगे। लेकिन दुर्भाग्यवश वह अपने करियर में बहुत जल्द ही इतिहास बन गये थे। उन्होंने 18 वनडे मैचों में 23 विकेट लिए थे फिर भी उन्हें वनडे का विशेषज्ञ गेंदबाज़ नहीं माना जाता है। साथ ही 17 टेस्ट मैचों से उन्होंने 66 विकेट भी हासिल किए थे। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 1988 में चेन्नई में अपने पदार्पण मैच में भारत के लिए मैच विनिंग प्रदर्शन किया था। पहले दिन के खेल में उन्होंने विंडीज के 147 रन पर 5 विकेट कर दिए थे। जिसमें उन्होंने रिचार्डसन, लोगी और हूपर का विकेट लिया था। उनके बारे एक कहानी प्रचलित है, उन्होंने अपने टीम के साथी खिलाड़ी चेतन शर्मा से ये कहा था कि "उसका डंडा मारूंगा"मतलब वह अगले दिन विवियन रिचर्ड्स को बोल्ड कर देंगे। ये बात अगली सुबह सच साबित हुई जब उन्होंने फ्लिपर मारकर उस दिग्गज बल्लेबाज़ को आउट कर दिया था। हिरवानी का पहली पारी में गेंदबाज़ी विश्लेषण कुछ इस तरह था 18.3-3-61-8। दूसरी पारी में जब वेस्टइंडीज को जीत के लिए 416 रन की दरकार थी, तब भी उन्होंने अपने जादुई प्रदर्शन 75 रन देकर 8 विकेट हासिल करके भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। हिरवानी ने अपने पदार्पण मैच में 16 विकेट लेकर बॉब मास्सी के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली थी। हिरवानी ने इसी फॉर्म को बरकरार रखते हुए न्यूज़ीलैंड के खिलाफ चार टेस्ट मैचों में 36 विकेट लिए थे।