भारतीय क्रिकेट के 5 अविस्मरणीय हीरो जिन्हें लोगों ने भुला दिया

Sadanand-Vishwanath

#2 राजेश चौहान

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वेंकटपति राजू और अनिल कुंबले के साथ राजेश चौहान 90 के दशक के भारत तीसरे विशेषज्ञ स्पिनर थे। उन्होंने अपने करियर में 47 टेस्ट और 29 वनडे विकेट हासिल किए थे। लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाज़ के तौर पर उन्होंने 35 वनडे मैचों में मात्र 132 रन बना पाए थे। लेकिन उनसे देश को रन की ज्यादा उम्मीद थी। ऐसा लग रहा था कि चौहान भारतीय क्रिकेट के बड़े सितारे बनेंगे। कराची में हुए 1997 के एक मैच में भारत को 47 ओवर में 266 रन चाहिए थे। लेकिन अंतिम ओवर में ये समीकरण जीतने के लिए 8 रन और भारत के विकेट बचे थे 2। सक़लैन मुश्ताक गेंदबाजी कर रहे थे और स्ट्राइक पर थे राजेश चौहान। पूरा स्टेडियम पाकिस्तान की जीत को लेकर आश्वस्त था। ये चुनौती और कठिन हो गयी जब चौहान स्ट्राइक पर आ गये। लेकिन चौहान ने सक़लैन मुश्ताक की योर्कर गेंद को फुलटॉस पर लेकर लेग साइड में काफी ऊँचा लम्बा शॉट मारा। गेंद दर्शकदीर्घा में जा गिरी और ये एक बेहतरीन छक्का था और चौहान इसी के साथ इस मैच के हीरो गये थे। भारत के लिए ये यादगार जीत थी।