क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने कहा है कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के दौरान सट्टेबाजी, फास्ट फूड, शराब और तंबाकू ब्रांडों को प्रमोट करते हुए नहीं देखा जाना चाहिए। बीसीसीआई ने आईपीएल टीमों को दिशा निर्देश देते हुए कहा है कि टीम के पूर्ण फोटो में खिलाड़ी स्पॉन्सर के साथ आ सकते हैं लेकिन शराब, तम्बाकू आदि के प्रमोशन के बारे में फोटो में कुछ नहीं लिखा होना चाहिए।
बीसीसीआई के निर्देशों में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के हवाले से कहा है कि आईपीएल स्पॉन्सर द्वारा प्रिंट मीडिया में इस्तेमाल करने के लिए पूर्ण फोटो का इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन इसमें शराब, फास्ट फूड और तम्बाकू का प्रचार करने वाले ब्रांड के नाम का प्रमोशन नहीं होना चाहिए। सीधे शब्दों में कहा जाए तो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपने खिलाड़ियों को इस प्रकार के ब्रांड्स से दूर रखने का निर्णय लिया है।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अन्य प्रतिबन्ध
आईपीएल की तरह क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने बिग बैश लीग में भी प्रतिबन्ध लगाते हुए निर्देश दिया है कि विज्ञापन प्रचार के लिए एक टीम या राज्य से किसी एक खिलाड़ी को ही शामिल होने की अनुमति होगी। कई खिलाड़ी एक साथ विज्ञापन प्रचार नहीं कर पाएंगे।
ऑस्ट्रेलिया के 19 खिलाड़ी आईपीएल के नए सीजन में खेलेंगे। कुछ फ्रेंचाइजी के अधिकारियों ने सोचा कि बीसीसीआई को ऐसी शर्तों के लिए क्यों सहमत होना पड़ता है, खासकर ऐसे बोर्ड के साथ, जिसमें सट्टेबाजी और शराब की कंपनियों के ब्रांड प्रमुख प्रायोजक होते हैं। क्रिकबज की एक रिपोर्ट के अनुसार एक फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने कहा है कि अल्कोहोल, तम्बाकू और सट्टेबाजी इंडिया में नहीं होती और यह मुद्दा नहीं है। बीसीसीआई को ऐसी शर्तों को नहीं मानना चाहिए था।
उदाहरण के लिए वह बिग बैश लीग एक फास्ट फूड ब्रांड KFC द्वारा प्रायोजित है और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया मैकडॉनल्ड्स या सबवे जैसे ब्रांडों का प्रचार करते हुए ऑस्ट्रेलियाई लोगों को नहीं चाहता है।