जिम्बाब्वे के खिलाफ मिली एकदिवसीय सीरीज की हार ने श्रीलंका क्रिकेट को झकझोर कर रख दिया है। अन्तर्राष्ट्रीय एकदिवसीय रैंकिंग में 11वें स्थान की टीम जिम्बाब्वे ने 5 मैचों की सीरीज में श्रीलंका को 3-2 से हरा दिया। श्रीलंका के कप्तान एंजेलो मैथ्यूज ने इस हार को अपने करियर का सबसे दुखद समय बताया है। इस हार के साथ ही मैथ्यूज की कप्तानी पर भी सवाल उठने लगे हैं। उनकी कप्तानी में टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आ रही है। चैंपियंस ट्रॉफी में भी श्रीलंका की टीम ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया था। यह पहला मौका है जब जिम्बाब्वे ने श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज जीती है। जिम्बाब्वे की टीम इस सीरीज से पहले अफगानिस्तान और स्कॉटलैंड के हाथों हार कर आई थी लेकिन अपने बल्लेबाजों के जबरदस्त प्रदर्शन की वजह से जिम्बाब्वे ने यह उलटफेर कर दिया। ऑस्ट्रेलिया में हुए 2015 विश्वकप के बाद से श्रीलंका के खेल में काफी गिरावट आई है, जिसकी बड़ी वजह दिग्गज खिलाड़ियों का संन्यास लेना और नये खिलाड़ियों द्वारा उनकी कमी पूरी करने में असफल होना रहा है। जिसके कारण श्रीलंका की टीम लगातार हार रही है। इस दौरान इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका ने श्रीलंका को मात दी थी और जब जिम्बाब्वे ने भी यह काम कर दिया है। हार के बाद कप्तान मैथ्यूज ने कहा "सब कुछ हमारे खिलाफ ही रहा, हम विकेट को नहीं समझ पाए लेकिन मैं कोई बहाना बनाना नहीं चाहता। हमने ख़राब खेला इस वजह से हमें हार का सामना करना पड़ा।" अपनी कप्तानी को लेकर मैथ्यूज ने बयान दिया कि मैंने कुछ नहीं सोचा है। इस बारे में बात करना जल्दीबाजी होगी। अभी समय है और मैं चयनकर्ताओं से इस बारे में बात करूंगा। इस हार के साथ ही श्रीलंका के लिए 2019 विश्वकप में सीधे प्रवेश मिलने पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं और वेस्टइंडीज के लिए अच्छे संकेत हैं। नियम के अनुसार रैंकिंग की टॉप-8 टीम और मेजबान इंग्लैंड को विश्वकप में सीधा प्रवेश मिलेगा जबकि उससे नीचे वाली टीम को क्वालिफिकेशन राउंड खेलना पड़ेगा।