हालाँकि वे आने वाले समय के चमकते सितारे हैं पर यहाँ तक पहुँचने के लिए उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ी है और बहुत खरी खोटी भी सुननी पड़ी है। शुरुआत में खेल में आने पर उनका तेज ग़ुस्सा हर किसी को रास नहीं आया। वे जहाँ भी जाते हैं प्रशंसक उन्हें अपना निशाना बना लेते हैं जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है ऑस्ट्रेलिया। बढिया बल्लेबाज़ होने के बाद भी मैदान से बाहर उनका रवैया हर किसी को नहीं भाता। टेस्ट कप्तान चुने जाने के बाद अब समय आ गया है कि वे अपने बल्ले से बात करें।
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