दक्षिण अफ्रीकी टीम के चयन में जोड़ा गया एक और शर्त, 6 अश्वेत खिलाड़ियों को खिलाना जरुरी

क्रिकेट साउथ अफ्रीका की मीटिंग में टीम के चयन को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट की टीमों के 11 में 6 अश्वेत खिलाड़ियों का होना जरुरी है। गोरे खिलाड़ियों के वर्चस्व के कारण दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट में ये बड़ा बदलाव किया जा रहा है। CSA ने अपनी एजीएम में ये फैसला लिया कि 11 में से 6 अश्वेत खिलाड़ी टीम में होने जरुरी हैं और उनमें से दो खिलाड़ी अफ्रीकी अश्वेत होने चाहिए। हालाँकि न्यूजीलैंड के खिलाफ हुई हालिया टेस्ट सीरीज में ये शर्त पूरी हो गई थी। टेस्ट के नियमित कप्तान एबी डीविलियर्स की गैरमौजूदगी में टीम में 6 अश्वेत खिलाड़ी खेल रहे थे और उनमें दो अफ्रीकी अश्वेत भी थे। CSA के अध्यक्ष क्रिस नेनज़ानी ने कहा," न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में नए नियम के मुताबिक ही खिलाड़ी थे, इसके अलावा वेस्टइंडीज में हुई त्रिकोणीय श्रृंखला में 11 में से 8 खिलाड़ी अश्वेत थे। इस सीजन के बाकी के मैचों में भी यही नियम लागू होगा और चयनकर्ता टीम चुनते वक़्त इस बात का ध्यान रखेंगे। दक्षिण अफ्रीका के घरेलू टूर्नामेंटों में पहले से ये नियम लागू है और उसमें तीन अफ्रीकी अश्वेतों का खेलना जरुरी है। दक्षिण अफ्रीका की टीम 25 सितम्बर को आयरलैंड के खिलाफ अपना अगला एकदिवसीय मैच खेलेगी और उसके बाद टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की एकदिवसीय सीरीज खेलेगी। दक्षिण अफ्रीकी सरकार क्रिकेट और रग्बी जैसे लोकप्रिय खेलों में अश्वेत खिलाड़ियों की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी करवाना चाहती है, जहाँ अभी भी गोरे खिलाड़ियों का वर्चश्व है। अश्वेत खिलाड़ियों की ज्यादा भागीदारी न करवा पाने की वजह से सरकार ने क्रिकेट और रग्बी फेडरेशन पर प्रतिबन्ध भी लगाया था। हालाँकि जूनियर लेवेल पर अह्स्वेत खिलाड़ियों की भागीदारी काफी है और गरीब इलाकों में सुविधाओं की कमी के बावजूद खिलाड़ी आगे बढ़ कर आ रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के खेल मंत्री फिकिले बलूला राष्ट्रिय स्तर पर भी ऐसा ही विकास देखना चाहते हैं।

Edited by Staff Editor
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