5 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी जिन्हे कभी भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला

Indian spin bowlers Harbhajan Singh (L) and Utpal Chatterjee talk together in Calcutta, 30 May 2003. The Board of Control for Cricket in India (BCCI) organised a meeting of the spin bowlers of past and present. AFP PHOTO/Deshakalyan CHOWDHURY (Photo credit should read DESHAKALYAN CHOWDHURY/AFP/Getty Images)

एक राष्ट्र, एक खेल और लाखों चाहने वाले- एेसा है भारतीय क्रिकेट। हर सुबह ना जाने कितने नए लोग क्रिकेट में इतिहास रचने का ख़्वाब बुनते हैं। पर पूरे कितनों के सपने होते हैं? ज़्यादा के नहीं। पर जिन लोगों के सपने पूरे होते हैं उनकी तादाद टूटने वालों से काफी कम होती है। स्टेट लेवल पर पहुँचने के लिए भी बहुत मेहनत करनी पड़ती हैं। कई उम्र के कारण खेलना छोड़ देते हैं और कुछ दूसरे कामों में लग जाते हैं। पर कुछ ही होते हैं जो अपनी पूरी ज़िन्दगी खेल के नाम कर देते हैं। कई सारे खिलाडी बहुत योग्यता होने पर भी भारत के लिए कभी नहीं खेल पाए। पर फिर भी बहुत सारे भाग्यशाली और अभागयशाली खिलाडी होते हैं। राजेन्द्र गोयल ने कहा कि मेरा काम खेलना है और सलेक्टर्स का काम चुनाव करना। एक नज़र एेसे ही कुछ खिलाड़ियों पर: 6- उत्पल चैटर्जी अनिल कुंबले ने कहा था कि 90 के दशक के सबसे बढिया स्पिनर वेंकटपथी राजू थे, पर एक और एेसा खिलाडी है जो इस तारीफ़ के हक़दार हैं। उत्पल चैटर्जी उन अभागे खिलाड़ियों में से है जिन्होने एक बहुत बढिया करियर खो दिया। 30 वर्ष की उम्र में टीम में चुने जाने के बाद भी उन्होंने केवल 3 ओडीआई ही खेले। बंगाल के गेंदबाज़ी का महत्त्वपूर्ण ज़िम्मा दो दशकों तक उनके ही सर पर था। उन्होंने 504 विकेटें ली हैं। उन्होंने भारत के लिए खेला था पर सलेक्टर्स ने उनके साथ बहुत नाइंसाफ़ी करी थी। 5- अमरजीत केपी amarjeet-kaypee-1415535949 जितना बड़ा मैच उतनी बड़ी पारी। रणजी में 7894 रन- 27 शतक 800 रन का औसत और एकमात्र भारतीय खिलाडी जिसने एक ही मैच में दो बार 150 रन से ज़्यादा बनाए हैं। पर फिर भी भारतीय टीम में उन्हें जगह नहीं मिली। उनका ध्यान और एकाग्रता बहुत बढिया थी। उन्होंने सचिन तेंदुलकर और मुहम्मद अज़हरुद्दीन के साथ खेला है पर उनका नाम कहीं नहीं आता। 4- राजेन्द्र गोयल rajinder-goel-1415536130 हरियाणा के बहुचर्चित स्पिनर गोयल ने घरेलू क्रिकेट में बहुत नाम कमाया है। सुनील गावस्कर में उन्हें एक बेहतरीन स्पिनर भी कहा है। वे कभी भी भारतीय टीम का हिस्सा नहीं बन पाए और 18.58 की औसत और 2.10 की इकोनॉमी से 750 विकेट लेकर भी टीम में जगह नहीं बना पाए। 3- पद्माकर शिवालकर padmakar-shivalkar-1415536015 19.69 की औसत से 589 विकेट लेकर उन्होंने कई खिलाड़ियों से अच्छा प्रदर्शन किया। धीमे गेंदबाज़ों की सूची में एक बढिया गेंदबाज गलत समय का शिकार हो गए। पर उनका सामना वेंकटराघवन, प्रसन्ना और चंद्रशेखर से होने के कारण उन्हें नाम नहीं मिला। 2- येरे गौड़ yere-goud-1415535583 जवगल श्रीनाथ ने उन्हें रेलवे टीम का द्रविड़ कहा था। कर्नाटका के लिए खेलने के बाद उन्होंने रेलवे के लिए खेलना प्रारंभ किया। उन्होंने 2001-02 और 2004-05 में रणजी , दो इरानी और एक दुलीप ट्रॉफ़ी जीती थी। उन्होंने 2006 में कर्नाटक के कप्तान बने और 100 रणजी कैप जीती थी। 16 शतकों के साथ 45.53 की औसत से 7650 रन बनाकर भी सलेक्टर्स की नज़रों में नहीं आ पाए। 1- अमोल मजुमदार amol-muzumdar-1415535460 48.13 की औसत से 30 शतकों के साथ 11,167 रन बनाकर भी सलेक्टर्स की नज़रों में नहीं आ पाए। जब सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली ने 664 रन की साझेदारी करी थी तब यह खिलाडी अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे थे। जब द्रविड़ और गांगुली को तारीफ़ मिली तो उप कप्तान के रूप में यह खिलाडी भी था। रणजी में पहली बार में 260 रन बनाकर भी गांगुली, द्रविड़ और लक्ष्मण के साथ होने के कारण अपने हक़ की तारीफ़ नहीं मिली। लेखक- the wrong one, अनुवादक-सेहल जैन

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