न्यूजीलैंड के अंपायर बिल्ली बॉडेन आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। क्रिकेट जगत के महानतम अंपायरों में से एक बिल्ली बॉडेन आज अपना 51वां जन्मदिवस मना रहे हैं। एक तेज गेंदबाज से क्रिकेट कैरियर की शुरूआत करने वाले इस दिग्गज अंपायर का क्रिकेट खेलने में अंतर्राष्ट्रीय करियर ज्याादा लंबा नहीं रहा है। भगवान की भी शायद यही इच्छा थी कि वे एक सफल क्रिकेटर के मुकाबले एक सफल अंपायर बनें। गठिया रोग से ग्रसित होने के कारण उनको क्रिकेट से बहुत कम उम्र में ही संन्यास लेना पड़ा था।
बिल्ली बॉडेन द्वारा अजीब तरह से अंपायर निर्णय लेना बिल्ली बॉडेन अक्सर मैदान पर दर्शकों और खिलाड़ियों का मनोरंजन करते रहते हैं। वे कई प्रकार से दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं। वे अक्सर चौके-छक्के के लिए अजीब तरह से हाथ व पैर हवा में उठाते हैं। वे मैदानी अंपायर का निर्णय तीसरे अंपायर तक पहुंचाने के लिए भी अलग तरह से इशारा करते हैं। बिल्ली बॉडेन द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले इशारे क्रिकेट के प्रत्येक फॉरमेट में अलग-अलग हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में परंपरागत, एकदिवसीय क्रिकेट में उत्साही व टी20 क्रिकेट में नये-नये प्रकार के इशारों का इस्तेमाल करते हैं। आपको यह जानकर आश्यर्च होगा कि इस प्रकार के इशारे अपने दर्द पर काबू पाने के लिए करते हैं। वे गठिया रोगी होने के कारण अपने शरीर को तरलता प्रदान करने के लिए ऐसे निर्णयों का इशारा करते हैं।
टी20 में अम्पायरिंगबिल्ली बॉडेन पूर्व अंपायर टोनी हिल के साथ आॅस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड के बीच हुए विश्व के पहले अंतर्राष्ट्रीय टी20 मैच का हिस्सा रहे हैं। इन दोनों अंपायरों को 2005 में न्यूजीलैड के आॅकलैंड पार्क में हुए मैच में अंपायरिंग करने का मौका मिला था।
100 एकदिवसीय मैचों में अंपायरिंग करने वाले दूसरे युवा अंपायरअंपायर बिल्ली बॉडेन एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के 100 मैचों में अंपायरिंग करने वाले सिर्फ दूसरे अंपायर हैं। उनके पहले 100 मैचों में अंपायरिंग आॅस्ट्रेलिया के सायमन टॉफेल ने की थी। इसके साथ बिल्ली बॉडेन उन चुनिंदा सात अंपायरों में से एक हैं जिन्होंने, 100 से ज्यादा वनडे मैचों में अंपायरिंग की और जिन्हें आईसीसी का प्रतिष्ठित ब्रोंज बेल्स अवॉर्ड मिला हो।
किसी देश के दोनों तटस्थ अंपायर ने एक मैच में अंपायरिंग की हो2010 में पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में चौथा टेस्ट मैच खेला गया था। यह मैच पाकिस्तान खिलाड़ियों द्वारा की गई स्पॉट फिक्सिंग के लिए याद किया जाता है। यह मैच उस एतिहासिक पल का गवाह बना जब मैच शुरू होने से पहले न्यूजीलैंड के बिल्ली बॉडेन और टोनी हिल का मैच में अंपायरिंग के लिए चुना गया। दरअसल ऐसा पहली बार हुआ जब एक मैच में दोनों अंपायरों एक देश से चुने गए थे।
उन्होंने 2 मौकों पर खिलाड़ियों को रेड—कार्ड दिखाए हैंक्रिकेट में ऐसा कोई नियम नहीं है जब खिलाड़ियों को रेडकार्ड दिखाने की आवश्यकता हो। रेड कार्ड दिखाना मुख्यत फुटबॉल में शामिल होता है। इसके बावजूद उन्होंने 2 बार अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को रेडकार्ड दिखाया है। पहली बार उन्होंने 2005 में आॅस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड के बीच खेले गए मैच में आॅस्ट्रेलियन गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्राथ को रेडकार्ड दिखाया था। मैक्ग्राथ ने मैच की अंतिम गेंद पर अंडर आर्म गेंदबाजी करनी चाही, पर बॉडेन ने उन्हें रेडकार्ड दिखाकर उन्हें ऐसा करने से रोका। रेडकार्ड दिखाने का दूसरा मौका एशिया कप में देखने को मिला। अफगानिस्तान के विकेटकीपर मोहम्मद शहजाद द्वारा अधिक संख्या में अपील करने के कारण बिल्ली बॉडेन ने उन्हें रेडकार्ड दिखाया था।
2007 वर्ल्ड कप फाइनल में चौथे अंपायर की भूमिका निभाईयह संभवत उनके क्रिकेट कैरियर के सबसे खराब अनुभवों में से एक था। यह एक ऐसा खौफनाक मंजर था जो वे हमेशा भूलना चाहेंगे। वर्ल्ड कप फाइनल के दौरान खराब अंपायरिंग के कारण उनके साथ बाकी सभी अंपायरों को अगले वर्ल्ड कप के लिए निलंबित कर दिया गया था।