अंपायर बिली बॉडेन डिसीजन देने के लिए टेढ़ी अंगुली का इस्तेमाल क्यों करते हैं?

न्यूजीलैंड के अंपायर बिली बॉडेन क्रिकेट इतिहास के महान अंपायरों में से एक हैं। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में लगभग 20 साल तक अंपायरिंग की है। उन्होंने क्रिकेट में अपने करियर की शुरूआत एक तेज गेंदबाज के तौर पर की थी। वे एक होनहार तेज गेंदबाज थे। 20 साल के उम्र तक वे अपनी तेज गेंदबाजी में चरम पर थे। क्रिकेट में अंपायर का योगदान काफी अहम होता है। उन्होंने क्रिकेट में अंपायरिंग के कार्य को भी रोमांचक बना दिया था। बॉडेन द्वारा निर्णय लेने के लिए इस्तेमाल किए शारीरिक हाव-भाव काफी लोकप्रिय हो चुके हैं। चाहे चौके के लिए हाथ उउठाना हो या छक्के के लिए अपने पैरों को। उनके करियर में, जबसे उन्हें गठिया रोग की शिकायत मिली, तभी से उनका क्रिकेट करियर समाप्त हो गया। उन्हें क्रिकेट बहुत प्यार रहा और वे इसे किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहते थे। गठिया रोग की वजह से उनका क्रिकेट जारी रखना संभव नहीं था, इसलिए उन्होंने इस स्थिति में क्रिकेट में अंपायरिंग करने का मन बनाया। अंपायरिंग के दौरान इस बीमारी के कारण तर्जनी अंगुली को हवा में सीधी उठाने से उन्हें दर्द का सामना करना पड़ता था, इसलिए वे इससे राहत पाने के लिए सीधी अंगुली की बजाय टेड़ी अंगुली का इस्तेमाल करते हैं। आज उनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली टेड़ी अंगुली विश्व क्रिकेट में काफी लोकप्रिय हो चुकी है।

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