विश्वकप 2015 की जीत के बाद, ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए चीजें कुछ अच्छी नहीं रहीं। दक्षिण अफ्रीका में गेंद से छेड़छाड़ के मामले में ऑस्ट्रेलिया के दो प्रमुख खिलाड़ियों, डेविड वॉर्नर और स्टीवन स्मिथ के ऊपर एक साल का प्रतिबंध लगाया गया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम को हाल ही में इंग्लैंड ने वनडे सीरीज़ में 5-0 से हराया है, जो कि कंगारू टीम की शायद अब तक सबसे बुरी वनडे सीरीज़ साबित हुई है जिसमें वे इंग्लैंड जैसे टीम के खिलाफ एक भी मैच नहीं जीत पाए। वर्तमान विश्व चैंपियंस टीम इस समय आईसीसी वनडे रैंकिंग में छठे स्थान पर है, जो 34 साल में उनकी सबसे कम रैंकिंग है। पिछले 18 मैचों में 16 हारें झेलने वाली ऑस्ट्रेलिआई टीम के लिए यह अच्छा संकेत नहीं है। लेकिन, विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया हमेशा से अच्छा प्रदर्शन करता रहा है। आपको बता दें कि उन्होंने सबसे ज़्यादा पांच बार विश्व कप का प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम किया है और ऐसे करने वाली वह एकमात्र टीम है। उन्होंने 1999-2007 के बीच खेले गए तीन विश्व कप जीतकर हैट्रिक बनाई है जो कि एक रिकॉर्ड है। विश्वकप 2019 में 10 टीमें हिस्सा ले रही हैं और इसमें राउंड-रॉबिन और नॉकआउट प्रारूप होंगे, यह प्रारूप 1 992 के विश्व कप के समान ही हैं। ऑस्ट्रेलिया 1 जून, 2019 को ब्रिस्टल में अफगानिस्तान के खिलाफ अपने विश्व कप अभियान की शुरूआत करेगा, यह मैच विश्व कप टूर्नामेंट का चौथा मैच होगा। वर्तमान विश्व चैंपियंस टीम इस समय आईसीसी वनडे रैंकिंग में 6 वें स्थान पर हैं, जो कि पिछले 34 सालों में उनकी सबसे कम रैंकिंग है। लेकिन फिर भी ऑस्ट्रेलिआई टीम में वापसी करने की अद्भुत क्षमता है। ग़ौरतलब है कि विश्व कप 2019 इंग्लैंड में आयोजित किया जायेगा। इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम 1999 में इंग्लैंड में हुए विश्व कप में विश्व विजेता बनी थी और ऐसा कोई कारण नहीं की वे दोबारा ऐसे ना जीत पाएं। तो आइये ऐसे तीन कारणों पर एक नज़र डालते हैं जिनकी वजह से कंगारू टीम दोबारा यह ख़िताब जीत सकती है: #3. घातक तेज़ गेंदबाजी आक्रमण: ऑस्ट्रेलियाई टीम हमेशा से क्रिकेट इतिहास में बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ों से सुसज्जित रही है। इस टीम ने विश्व क्रिकेट को कई महान गेंदबाज़ दिए हैं। उनके पास शेन वॉर्न और ग्लेन मैकग्राथ जैसे दुनिया के महानतम गेंदबाज़ रहे हैं। अब भी, उनकी तेज गेंदबाजी मिशेल स्टार्क, पैट कमिन्स, बिली स्टेनलेक और जोश हैज़लवुड जैसे धुरंधर गेंदबाज़ों से लैस है जो किसी भी विपक्षी टीम की बल्लेबाज़ी लाइन-अप को तहस-नहस कर सकती हैं। इसके अलावा तेज़ गेंदबाज़ों की मददगार इंग्लैंड की पिचों पर ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ और भी घातक साबित होंगे और सही मायनों में मैच का परिणाम काफी हद तक उनके प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। हालाँकि, ऑस्ट्रेलिया का स्पिन विभाग उतना मज़बूत नहीं दिखता लेकिन युवा स्पिनर एडम ज़म्पा, एश्टन अगर और नाथन लियोन लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और अगले साल होने वाले विश्व कप को देखते हुए इनकी भूनिका बहुत अहम होगी। #2. विश्व कप से पहले वॉर्नर और स्मिथ की वापसी इस वर्ष की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में सैंडपेपर गेट घटना के बाद वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों, वॉर्नर और स्मिथ पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालंकि, विश्व कप शुरू होने से एक महीना पहले उन पर से प्रतिबंध हटा लिया जायेगा। लेकिन उनके प्रतिबंध के बाद, ऑस्ट्रेलियाई टीम को वनडे क्रिकेट में अपने सबसे खराब दौर से गुज़रना पड़ा। टीम की बल्लेबाज़ी कमज़ोर नज़र आ रही है और टीम की वनडे रैंकिंग भी इस वजह से नीचे आ गई है। ऐसे में वार्नर और स्मिथ के विश्व कप से ठीक पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल होने से टीम को बहुत राहत मिलेगी। डेविड वार्नर एक विनाशकारी घातक बल्लेबाज है जो एक बार गेंद पर नज़रें टिक जाने पर अकेले दम पर टीम को जीत दिलाने में सक्षम हैं। वहीं, वर्तमान कप्तान स्टीवन स्मिथ एक मध्यम क्रम के ज़बरदस्त बल्लेबाज हैं जो टीम के मध्य क्रम को मजबूती प्रदान करते हैं। #1. अपने खेल का स्तर ऊँचा उठाने की क्षमता विश्व कप में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्हें विश्व कप के सेमीफइनल में कभी भी हार का मुँह नहीं देखना पड़ा है और अब तक खेले गए 11 विश्व कप टूर्नामेंटों में से सात बार कंगारू टीम फाइनल में पहुंची है जो दिखाता है कि उन्होंने दबाव की स्थिति में भी कितना अच्छा प्रदर्शन किया है। 1996 के विश्व कप सेमीफाइनल में उन्होंने मज़बूत वेस्टइंडीज टीम को धूल चटाई थी जबकि 1999 के विश्वकप सेमीफाइनल में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सिर्फ पांच रनों से जीत दर्ज़ कर फाइनल में प्रवेश किया था और विश्व विजेता भी बने थे। निश्चित रूप से,ऑस्ट्रेलियाई टीम में धमाकेदार वापसी करने और अपने खेल का स्तर ऊँचा उठाने की अदभुत क्षमता है और यह क्षमता हमें अगले साल होने वाले विश्व कप में भी देखने को मिल सकती है। लेखक: दनांथ शर्मा अनुवादक: आशीष कुमार