क्रिकेट में कुछ अप्रिय घटनाएं होते हुए देखी गई है। कई बार खिलाड़ी आपस में उलझ भी जाते हैं लेकिन इंग्लैंड काउंटी क्रिकेट में एक गेंदबाज ने नॉ बॉल फेंककर खेल भावना के विपरीत कार्य किया। पर्नेल क्रिकेट क्लब के इस खिलाड़ी ने विपक्षी टीम के बल्लेबाज को शतक बनाने से रोकने के लिए नॉ बॉल फेंक दी और 5 अतिरिक्त रनों से मैच समाप्त हो गया। क्रीज पर मौजूद बल्लेबाज जॉय डैरेल 98 के स्कोर पर नाबाद वापस लौटे। क्लब ने खिलाड़ी का नाम नहीं बताते हुए उसे ९ मैचों के लिए निलंबित कर दिया है। सोमरसेट क्रिकेट लीग के मुकाबले में गेंदबाज माइनहेड के खिलाफ गेंदबाजी कर रहा था। बल्लेबाज अपना पहला शतक बनाने के बेहद करीब था लेकिन गेंदबाज ने खेल भावना के विरुद्द जाकर यह करते हुए उन्हें शतक बनाने से रोक दिया। सोमरसेट क्रिकेट लीग ने मामले पर संज्ञान लेते हुए खिलाड़ी को बैन करने की सिफारिश की। अच्छी बात यह भी रही कि पर्नेल क्रिकेट क्लब के कप्तान ने अपने खिलाड़ी के इस बर्ताव के लिए माफी मांगी। इस तरह की घटनाएं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी देखने को मिली है। भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड और श्रीलंका के खिलाफ त्रिकोणीय सीरीज के लिए श्रीलंका का दौरा किया था। उस समय श्रीलंकाई गेंदबाज सूरज रणदीव ने भारतीय बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग को शतक बनाने से रोक दिया था। त्रिकोणीय सीरीज के तीसरे मैच में सहवाग 99 रन पर खेल रहे थे और गेंदबाज ने नॉ बॉल फेंक दी। सहवाग ने इसे छह रन के लिए सीमा रेखा से बाहर भेज दिया लेकिन भारत को एक रन चाहिए था इसलिए यह मान्य नहीं हुआ और बल्लेबाज को 99 रन पर वापस पवेलियन लौटना पड़ा। इसके बाद प्रेजेंटेशन सेरेमनी में वीरेंदर सहवाग ने सूरज रणदीव पर खासी नाराजगी दिखाई और उन्होंने इसे गलत बताया। क्रिकेट जगत में इस पर कई प्रतिक्रियाएं आई थी।