कोई भी खेल हो उसमें खेलने वाले खिलाड़ी की निष्ठा और भावना बहुत ज्यादा मायने रखती है। कई बार खिलाड़ी भावनात्मक उबाल में बहक कर मैदान पर उलझ भी जाते हैं। भावना ही उन्हें मैच में जीत की ओर ले जाती है। इसके साथ ही कई बार चोट पर भावना भारी पड़ती और खिलाड़ी दर्द को भूलकर मैदान पर डटे रहते हैं। ऐसा ही मौका अभी हाल ही में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए टी-20 वर्ल्डकप 2016 में क्वार्टरफाइनल सरीखे मुकाबले में देखने को मिला। युवराज अपनी जीवटता के लिए जाने जाते हैं। इस मैच में वह जब 5 रन पर थे, तो एक शोर्ट पिच गेंद पर खेलने के दौरान उनके पैर में खिंचाव आ गया और उन्हें देखकर लगा की वह काफी दर्द में हैं। लेकिन टीम को उनकी जरूरत थी। क्योंकि भारत का स्कोर 3 विकेट पर 54 रन ही था। पंजाब का ये खिलाड़ी अपने होमग्राउंड पर खेल रहा था। जहाँ उनके बाएं पैर में खिंचाव आ गया था। ऐसे में उन्हें रन लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। लेकिन इस दर्द के बावजूद उन्होंने 21 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली। जिसका फायदा अंत में टीम को हुआ। आज हम आपको ऐसे ही 5 क्रिकेटरों के बारे में बता रहे हैं, जो चोटिल होने के बावजूद मैदान पर हीरो की तरह डटे रहे:
#1 अनिल कुंबले(भारत बनाम वेस्टइंडीज-2002)
साल 2002 में भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गये टेस्ट मैच में अनिल कुंबले के सिर में मर्वन ढिल्लन की बाउंसर लग गयी थी। भारतीय लेग स्पिनर के सिर और जबड़े से खून बहने लगा था तो जो तकरीबन 20 मिनट तक बंद नहीं हुआ था। लेकिन अगले दिन कुंबले ने जबड़े और सिर से लगी पट्टी पहनकर मैदान में उतरे और 14 ओवर गेंदबाज़ी की जिसमें उन्होंने लारा को आउट भी किया था। मैच के बाद जब कुंबले का इलाज हुआ तो उनके जबड़े में फ्रैक्चर निकला। जिसकी वजह से उन्होंने बाकी सीरीज में भाग नहीं लिया था।
#2 स्टुअर्ट ब्रॉड(भारत बनाम इंग्लैंड -2014)
इंग्लैंड के तेज गेंदबाज़ स्टुअर्ट ब्रॉड को वरुण अरोन की बाउंसर लग गयी थी। जिससे उनके नाक में फ्रैक्चर हो गया था। हालाँकि उन्होंने इस मैच में अपनी बल्लेबाज़ी रोक दी थी। लेकिन उन्होंने इस मैच में चोटिल होने के बावजूद 3 विकेट लिए और 21 गेंदों पर 31 अहम रन भी पहली पारी में बनाये थे। इंग्लैंड ने इस पांचवें टेस्ट को एक पारी और 244 रन से जीता लिया था। बाद में मेडिकल रिपोर्ट्स में पता चला कि इस चोट से ब्रॉड को मानसिक तौर पर काफी नुकसान झेलना पड़ सकता था। तब से ये गेंदबाज़ जब भी किसी इंटरव्यू में होता है अपने इस डर को जरूर बयाँ करता है।
#3 ग्रेम स्मिथ(दक्षिण अफ्रीका बनाम ऑस्ट्रेलिया-2009)
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान स्मिथ को साल 2009 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चोट के बावजूद बल्लेबाज़ी करने के लिए "ब्रेवेस्ट मैन इन क्रिकेट" का ख़िताब दिया गया था। सिडनी में आखिरी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 394 रन का स्कोर खड़ा किया था। जवाब में स्मिथ ने तेजी से 30 रन बनाये थे। लेकिन मिचेल जॉनसन की गेंद पर वह चोटिल हो गये। दूसरी पारी में जब दक्षिण अफ्रीका कठिन परिस्थितियों में था, तब स्मिथ 11वें नम्बर पर बल्लेबाज़ी के लिए उतरे थे। उनके टूटे हुए हाथ पर प्लास्टर चढ़ा था। इसके बावजूद उन्होंने 17 गेंदों तक बल्लेबाज़ी और मिचेल जॉनसन ने उन्हें आउट कर दिया था। जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच को जीत लिया। लेकिन दिल प्रोटेस ने जीता था।
#4 मैल्कम मार्शल(वेस्टइंडीज बनाम इंग्लैंड- 1984)
सन 1984 में हेडिंग्ले टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ मैल्कम मार्शल का एक हाथ टूट गया था। बड़ी चोट की वजह से वह 11वें नम्बर पर बल्लेबाज़ी के लिए उतरे थे। क्योंकि लार्री गोम्स का शतक पूरा होने वाला था। चोटिल मार्शल ने गोम्स शतक पूरा करवाया और दूसरी पारी में गेंदबाज़ी भी की। जहाँ उन्हें 7 विकेट मिले और वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड पर रिकॉर्ड 8 विकेट से जीत हासिल की।
#5 वहाब रियाज(पाकिस्तान बनाम श्रीलंका-2015)
पाकिस्तानी तेज गेंदबाज़ वहाब रियाज ने अभी हाल ही में बीते साल 2015 में बहादुरी का परिचय दिया है। श्रीलंका के साथ तीन मैचों की सीरीज के दुसरे मैच में रियाज के हाथ फ्रैक्चर हो गया था। उन्हें दुश्मंता चमीरा की गेंद लगी थी और उनके हाथ में हेयरलाइन फ्रैक्चर हो गया था। इस चोट के बावजूद भी रियाज ने 9 ओवर की गेंदबाज़ी की और जब दर्द काफी बढ़ गया तो वह मैदान से बाहर चले गये थे। पाकिस्तान ने इस मैच में जीत हासिल की थी। कुल मिलाकर जहाँ भरोसा है, वहां कठिनाई खुद-ब-खुद मिट जाती है!!! लेखक-सईद, अनुवादक-मनोज तिवारी