महिलाओं का विश्वकप इस समय पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है, ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार महिला क्रिकेटरों ने शानदार खेल दिखाया है। जिससे क्रिकेट की लोकप्रियता तो बढ़ी ही है साथ ही, लोग इन खिलाड़ियों के जज्बे से काफी उत्साहित भी हैं। ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच सेमीफाइनल मुकाबला होना बाकी है, वहीं इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर विश्वकप के फाइनल में जगह बना लिया है। वहीं पुरुषों के खेल की बात करें तो फाफ डुप्लेसिस की वापसी के बाद दक्षिण अफ़्रीकी टीम ने शानदार खेल दिखाते हुए इंग्लैंड पर जीत करके टेस्ट सीरिज में 1-1 से बराबरी कर ली है। जबकि श्रीलंका और ज़िम्बाब्वे के बीच एक मात्र टेस्ट मैच की सीरिज में श्रीलंका ने रिकॉर्ड 391 रन का पीछा करके जीत दर्ज की। हालाँकि ज़िम्बाब्वे ने भी इस टेस्ट मैच में शानदार खेल दिखाया। पढ़ें इस हफ्ते की पूरी खबर: मिताली राज मिताली राज इस हफ्ते सुर्ख़ियों में रही जिसकी वजह सकारात्मक रही है। वह चाहे प्रेस कांफ्रेंस में उनके बेहतरीन जवाब हों या इन्टरनेट पर किताब पढ़ते हुए उनकी तस्वीर वायरल हो गयी हो। उसके बाद जब मैदान पर उनकी बारी आई तो उन्होंने वनडे क्रिकेट में 6000 रन बनाकर एक सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करवाया। ऐसा करने वाली वह पहली महिला खिलाड़ी हैं। लगातार दो मैचों में मिली हार के बाद भारतीय टीम ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ क्वार्टरफाइनल जैसे करो या मरो वाले मुकाबले में जीत दर्ज करके सेमीफाइनल में जगह बनाई। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारतीय टीम के 21 रन पर दो खिलाड़ी आउट हो गये थे। जिसके बाद कप्तान ने मैदान पर मोर्चा संभालते हुए 109 रन की पारी खेली और उनका साथ हरमनप्रीत ने 90 गेंदों में 60 रन बनाकर दिया। मिताली ने इस मैच के अंतिम 13 ओवरों में वेदा कृष्णमूर्ति के बढ़िया सहयोग से 108 रन बनाये। मिताली शतक पूरा करने के बाद मैच के आखिरी ओवर में आउट हो गयीं। भारत ने 265 रन बनाये, जिसके जवाब में न्यूज़ीलैंड की पूरी टीम 79 रन पर ऑलआउट गयी। भारत ने मुकाबला 186 रन से जीत लिया। वेदा कृष्णमूर्ति विश्वकप के अंतिम लीग मैच को भारत को जीतना जरुरी ही था, जिसमें वेदा कृष्णमूर्ति ने बेहतरीन मैच जिताऊ पारी खेली थी। जिसे जीतकर भारत सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब हुआ था। भारत का स्कोर जब 37 ओवर में 154/4 था, तब वेदा मैदान पर आई और उन्होंने 45 गेंदों पर 70 रन बना डाले। इस पारी में उन्होंने 7 चौके और 2 छक्के लगाये। 47वें ओवर में वेदा ने कई क्लीन हिट भी लगाए, जिसमें 2 चौके और एक छक्का भी शामिल रहा। 33 गेंदों में अपना अर्द्धशतक पूरा करने वाली वेदा 50वें ओवर में आउट हो गयीं थीं। तबतक भारत ने 265 रन का स्कोर कीवी टीम के सामने खड़ा कर दिया था। इस स्कोर को भारतीय टीम के स्पिन गेंदबाजों खासकर राजेश्वरी गायकवाड़ ने 15 रन देकर 5 विकेट लेकर न्यूज़ीलैंड को मैच से बाहर कर दिया। वेरनॉन फिलेंडर पहले टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका की बुरी हार हुई थी, लेकिन कप्तान फाफ डुप्लेसिस ने दूसरे मैच में वापसी की और टीम की किस्मत बदल गयी। हालांकि टीम ने पहली पारी में 179 पर दो विकेट गवां दिए थे। उसके बाद 235 के स्कोर पर 6 खिलाड़ी आउट होकर मैदान से बाहर चले गये। उसके बाद मैदान पर फिलेंडर बल्लेबाज़ी के लिए और उन्होंने क्रिस मोरिस के साथ 74 रन की साझेदारी करके दक्षिण अफ्रीका को मजबूत किया। इस साझेदारी में फिलेंडर ने 81 गेंदों पर 54 रन और मोरिस ने 36 रन की पारी खेली। जिससे दक्षिण अफ़्रीकी टीम ने मुकाबले में अच्छा स्कोर बना पाई। उसके बाद जो काम नई गेंद से जेम्स एंडरसन नहीं कर पाए वह काम फिलेंडर ने गेंदबाज़ी में किया। 32 वर्षीय इस गेंदबाज़ ने बेहतरीन गेंदबाज़ी करते हुए कुक जैसे बल्लेबाज़ को चौथे ओवर में आउट कर दिया। उसके बाद जब इंग्लैंड एक अच्छी साझेदारी की ओर बढ़ रहा था। तब गैरी बलेंस को फिलेंडर ने आउट करकर मैदान से वापस भेजा। जिससे इंग्लैंड 205 रन पर सिमट गयी। फिलेंडर ने 3, केशव महाराज ने 3 और क्रिस मोरिस ने 3 विकेट लिए थे। क्रेग इरविन श्रीलंका और ज़िम्बाब्वे के कोलम्बो के प्रेमदासा स्टेडियम में एक मात्र टेस्ट मैच खेला गया। जिसमें जिम्बाब्वे ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 356 रन बनाए। जिसमें ज़िम्बाब्वे की तरफ से क्रेग इरविन ने 160 रन की शानदार पारी खेली। इरविन के अलावा सिकंदर रजा ने 65 रन की पारी खेली। शुरू में 38 रन पर 3 और उसके बाद 70 पर चौथा विकेट गिरने के बाद मैदान पर इरविन बल्लेबाज़ी के लिए आये थे। मैल्कम वालर और डोनाल्ड टिरिपनो ने भी 74 रन की साझेदारी निभाई थी। जवाब में श्रीलंका ने 346 रन बनाए, जिससे ज़िम्बाब्वे को 10 रन की बढ़त मिली। उसके बाद दूसरी पारी में ज़िम्बाब्वे ने सिकंदर रजा, वालर और पीटर मूर की बेहतरीन बल्लेबाज़ी के दम पर श्रीलंका के सामने 391 रन का लक्ष्य रखा था। जिसे श्रीलंका ने हासिल कर लिया। लेकिन ज़िम्बाब्वे के इस प्रयास को सभी ने सराहा। जेम्स एंडरसन जेम्स एंडरसन ने एक बाद फिर खुद को टेस्ट क्रिकेट का सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ साबित किया है। इस बार एंडरसन ने डेल स्टेन को पीछे छोड़ा है। एंडरसन ने 21 बार 5 विकेट लेने का कारनामा करने का रिकॉर्ड बनाया है। इसके साथ ही 123 टेस्ट में एंडरसन के नाम 470 विकेट भी दर्ज हो गये हैं। जिसमें 300 विकेट उन्हें अपने ही देश में खेलते हुए मिले। इस कारनामे के बाद उन्होंने अनिल कुंबले शेन वाटसन और मुथैया मुरलीधरन को पीछे छोड़ दिया। डीन एल्गर का विकेट लेते ही एंडरसन के नाम ये उपलब्धि जुड़ गयी। जबकि उसके बाद उन्होंने फिलेंडर, मोरिस, महाराज और मोर्केल को भी आउट किया। एंडरसन का इस मैच में गेंदबाज़ी विश्लेषण कुछ इस तरह रहा: 23.2 ओवर 72 रन और 5 विकेट। लेखक-कृष्ण श्रीपद, अनुवादक-जितेन्द्र तिवारी