कोलकाता की पिच पर बरमुडा ग्रास का इस्तेमाल होगा, जो पिच को स्पोर्टिंग बनाती है: सौरव गांगुली

भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच हुए पहले टेस्ट मैच में आर अश्विन और रविंद्र जडेजा की फिरकी ने टीम इंडिया को 197 रनों से बड़ी जीत दिलाई। इन दोनों देशों के बीच अब दूसरा टेस्ट शुक्रवार से कोलकाता में खेला जाएगा। कानपुर की ही तरह कोलकाता में जीत के साथ भारत सीरीज़ पर कब्ज़ा करना चाहेगा और पाकिस्तान को खिसकाकर एक बार फिर नंबर-1 की कुर्सी पर नज़र होगी। मैच शुरू होने से पहले ही हमेशा की तरह कोलकाता के ऐतिहासिक इडेन गार्डेन्स की पिच सुर्ख़ियों में है। टीम इंडिया और भारतीय क्रिकेट फ़ैंस चाहेंगे कि कोलकाता की पिच भी स्पिन गेंदबाज़ों के ही मुफ़ीद हो, लेकिन ऐसा मुमकिन नज़र नहीं आ रहा। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और बंगाल क्रिकेट संघ (CAB) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने स्पिन की मददगार पिच को सिरे से ख़ारिज कर दिया है। ''हम कोलकाता में एक ऐसी पिच बनाना चाह रहे हैं जो बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ दोनों के लिए शानदार होगी। इस पिच पर थोड़ी घांस भी होगी, जो तेज़ गेंदबाज़ों को मदद दे सकती है। इस पिच पर स्पिन मैच के आगे बढ़ने के साथ साथ होगा, यानी तीसरे दिन से पिच पर थोड़ा टर्न देखने को मिल सकता है।'' : सौरव गांगुली दादा ने ये भी बताया कि इस पिच पर जो घांस डाली गई है, वह भी अलग है। इसे बरमुडा ग्रास कहा जाता है, इससे गेंद तेज़ी से निकलती है। ''बरमुडा ग्रास विकेट को सख़्त बनाती है और टप्पा खाने के बाद गेंद तेज़ी से निकलती है। ख़ास बात ये है कि बेहद जल्दी ये घांस उग भी जाती है।'' इडेन गार्डेन्स भारत के लिए काफ़ी यादगार रहा है, इसी मैदान पर टीम इंडिया ने 2001 में फ़ॉलोऑन झेलने के बाद भी वीवीएस लक्ष्मण के 281 और राहुल द्रविड़ 180 रनों की पारी के बदौलत कंगारुओं पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच इस मैदान पर अब तक दो ही टेस्ट मैच खेले गए हैं, और इन दोनों मुक़ाबलों में कोई नतीजा नहीं आया था। आख़िरी बार 1965 में भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच कोई टेस्ट मैच कोलकाता में खेला गया था।

Edited by Staff Editor