दक्षिण अफ़्रीका के तेज़ गेंदबाज़ और आईपीएल-9 में गुजरात लायंस के हिस्सा डेल स्टेन को आईपीएल में ज़्यादातर मैचों में बेंच पर बैठने का मलाल नहीं, बल्कि उन्होंने कहा कि इससे कई चीज़ें सीखने को मिली जिससे उनकी गेंदबाज़ी में और पैनापन आया है। इस प्रोटियाज़ तेज़ गेंदबाज़ को गुजरात लांयस ने सिर्फ़ एक मुक़ाबले में प्लेइंग-XI में शामिल किया था, और उसके बाद गुजरात ने चार विदेशी खिलाड़ियों में आरोन फ़िंच, ब्रेंडन मैकुलम, ड्वेन ब्रावो और ड्वेन स्मिथ को ही टीम में रखा। हालांकि टीम से बाहर रहते हुए और बेंच पर बैठने के दौरान भी इस तेज़ गेंदबाज़ ने बहुत कुछ सीखा। डेल स्टेन ने कहा, "बदक़िस्मती से इस सीज़न में ज़्यादातर बाहर ही बैठा, लेकिन कभी कभी वह भी आपके लिए अच्छा होता है, मैंने उस दौरान क्रिकेट को दूसरे तरीक़े से देखा और जीत या हार का कोई दबाव भी नहीं था जिसका मैंने मज़ा उठाया।" "जब आप पर कोई दबाव नहीं होता है तो आप खेल का लुत्फ़ उठाते हैं जो मैंने किया, साथ ही नेट्स पर गेंदबाज़ी के दौरान मैंने कई ट्रिक्स भी सीखा, जो आने वाले समय में मेरी गेंदबाज़ी में और भी पैनापन लाएंगी। मेरे लिए आईपीएल का ये सीज़न कुछ अलग था, जो एक अच्छा अनुभव रहा।" आईपीएल के बाद डेल स्टेन फ़िलहाल इंग्लैंड में हैं जहां वह काउंटी क्रिकेट में ग्लेमोर्गन की तरफ़ से 6 टी-20 मुक़ाबले खेल सकते हैं। इसपर स्टेन ने कहा, "मैं इस समय काफ़ी तेज़ गेंदबाज़ी कर रहा हूं और मेरा शरीर भी बिल्कुल सही है, मेरी कोशिश है कि मैं ग्लेमोर्गन के लिए बेहतरीन क्रिकेट खेलूं। इस वक़्त मैं काफ़ी उत्साहित भी हूं, क्योंकि काफ़ी समय से मैंने क्रिकेट नहीं खेली है, बस दुआ करूंगा कि ज़्यादा से ज़्यादा मैच खेल पाउं और अपना बेस्ट दे सकूं।" डेल स्टेन को ग्लेमोर्गन की तरफ़ से खेलने का मौक़ा मोर्न मोर्केल की अनुपस्थिति की वजह से मिला है, मोर्केल वेस्टइंडीज़ दौरे पर दक्षिण अफ़्रीका टीम का हिस्सा हैं जहां उन्हें मेज़बान और ऑस्ट्रेलिया के साथ ट्राई सीरीज़ में खेलना है। स्टेन को इस सीरीज़ के लिए आराम दिया गया था, लिहाज़ा ग्लेमोर्गन ने उन्हें मोर्केल की जगह टीम में शामिल कर लिया।