टी-20 प्रारूप ने क्रिकेट के खेल में एक नई क्रांति ला दी है। इसने ना सिर्फ क्रिकेट प्रशंसकों की संख्या में बढ़ोतरी की है बल्कि क्रिकेट को ओर ज़्यादा रोमांचक और लोकप्रिय बना दिया है। 2007 में हुए आईसीसी टी-20 क्रिकेट विश्व कप ने भारत में क्रिकेट की परिकल्पना को ही बदल दिया था। पहले टी-20 विश्व कप में विश्व विजेता बनने के बाद टी-20 प्रारूप की लोकप्रियता तेज़ी से बढ़ी थी। इसी को देखते हुए भारत में उसके अगले ही साल इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत हुई जिसमें दुनिया भर के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। भारतीय टीम लगभग 12 सालों से टी-20 क्रिकेट खेल रही है, इस अवधि में, 46 गेंदबाजों ने भारत के लिए पहली बार खेले है जिसमें हाल ही में टीम में चुने गए दीपक चहर भी शामिल हैं। तो आइये टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के शीर्ष 3 सबसे प्रभावशाली गेंदबाजों पर एक नज़र डालें: पद्धति और मानदंड: विश्लेषण के पीछे की पद्धति उन सभी कारकों पर विचार करती है जो गेंदबाज के रिकॉर्ड का हिस्सा बन सकते हैं जैसे विकेट, स्ट्राइक रेट, औसत, स्थिरता, मैन ऑफ द मैच, मैन ऑफ द सीरीज़ इत्यादि। दूसरा, तेज़ गेंदबाजों के उपमहाद्वीप में किये गए प्रदर्शन को ज़्यादा तरजीह दी गई है, जबकि गति अनुकूल परिस्थितियों में उनके प्रदर्शन को कम तरजीह दी गई है। जबकि स्पिनर्स के लिए उपमहाद्वीप या स्पिन अनुकूल परिस्थितियों में प्रदर्शन को कम वेटेज दिया गया था जबकि गति अनुकूल परिस्थितियों में उनके प्रदर्शन को ज़्यादा वेटेज दिया गया है। तीसरा, इस सूची में शामिल गेंदबाजों को उपमहाद्वीपीय और गैर-उपमहाद्वीपीय पिचों पर कम से कम 10 मैच खेलना अनिवार्य है। कृपया ध्यान दें कि यह एक सांख्यिकीय तुलना है और अंतिम परिणाम में 1 से 10 के पैमाने पर उनके प्रभावशाली प्रदर्शन को समझाने की कोशिश की गई है। इरफान पठान यह कुछ लोगों के लिए आश्चर्यचकित हो सकता है, लेकिन इरफान पठान भारत के शानदार टी-20 गेंदबाज थे। टी-20 विश्व कप 2007 के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने यादगार प्रदर्शन करते हुए 4 ओवर में 16 रनों पर तीन अहम विकेट लिए थे और 'मैन ऑफ द मैच' बने थे। उन्होंने 'बूम बूम' अफरीदी का सबसे महत्वपूर्ण विकेट लिया था। कुल मिलाकर, इरफान पठान ने उपमहाद्वीप पिचों पर अच्छा प्रदर्शन किया है, जिनमें 9 मैचों में उन्होंने 8.23 की अच्छी स्ट्राइक रेट और 17.64 की औसत से 14 विकेट लिए हैं। उनके प्रदर्शन के लिए, इरफान पठान को 10 में से 5.7 की प्रभाव रेटिंग मिली है, जिसमें उन्हें उपमहाद्वीपीय पिचों पर 8.3 और गैर-उपमहाद्वीपीय पिचों पर 3.3 की रेटिंग मिली है। जसप्रीत बुमराह किसी को भी इस बात पर हैरत नहीं होनी चाहिए कि जसप्रीत बुमराह इस सूची में क्यूँ हैं। निश्चित रूप से बूमराह टी-20 में भारत के सर्वश्रेष्ठ तेज़ गेंदबाज़ हैं। कुल मिलाकर, उन्होंने उपमहाद्वीपीय पिचों पर वास्तव में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, वहीं संगठनात्मक रूप से, उनका गैर उपमहाद्वीप पिचों पर प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा है। उनका उल्लेखनीय प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले मैच में आया, जब उन्होंने 23 रनों पर 3 विकेट लिए थे। तब से उन्होंने कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा है और अब वह सीमित ओवरों के विशेषज्ञ गेंदबाज़ माने जाते हैं। उनके प्रदर्शन के लिए, जसप्रीत बुमराह को उपमहाद्वीपीय पिचों पर 8.2 की रेटिंग और गैर-उपमहाद्वीप पिचों पर 4.8 की रेटिंग के साथ 10 में से 6.5 की प्रभाव रेटिंग मिलती है। 1. युजवेन्द्र चहल युजवेन्द्र चहल को हमने सबसे पहले इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से खेलते देखा था। चहल ने शुरुआत से ही बेहतरीन गेंदबाज़ी की है और अपनी लेग-ब्रेक और गुगली से उन्होंने बल्लेबाजों को बेहद परेशान किया है। उपमहाद्वीप पिचों पर उनका रिकॉर्ड उत्कृष्ट रहा है, जिसमें 16 मैचों में उन्होंने 31 विकेट लिए हैं। इनमें 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी शामिल है, जब उन्होंने 25 रनों पर 6 विकेट चटकाए थे। गैर-उपमहाद्वीप पिचों पर उन्होंने 10 मैचों में 8.57 की इकोनॉमी रेट से 11 विकेट लिए हैं। उनके प्रदर्शन के लिए, युजवेन्द्र चहल को उपमहाद्वीपीय पिचों पर 7.2 की रेटिंग और गैर-उपमहाद्वीप पिचों पर 6.6 की रेटिंग के साथ 10 में से 6.9 की प्रभाव रेटिंग मिली है। वहीं अगर बात करें वर्तमान में भारत के बेहतरीन स्पिनर कुलदीप यादव की, तो अब तक उन्होंने असाधारण प्रदर्शन किया है और निकट भविष्य में वह निश्चित रूप से युजवेन्द्र चहल को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। लेखक: आदेश कोठारी अनुवादक: आशीष कुमार