बड़े बल्लों पर रिकी पोंटिंग की राय से डेविड वॉर्नर सहमत नहीं

आम तौर पर लोग क्रिकेट को मनोरंजन का एक बेहतरीन जरिया मानते हैं तो वहीं कुछ लोग इसे अपना जुनून। क्रिकेट एक ऐसा खेल है जो न सिर्फ गेंदबाज़ों के लिए मददगार साबित होता है बल्कि बल्लेबाजों को भी उतना ही मददगार होता है। एक तरफ जहां गेंदबाजों को मैच के शुरुआती ओवरों में नई गेंद से काफी मदद मिलती है और वो मैच पर पकड़ बना पाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ बल्लेबाजों के जरिये इस्तेमाल किए जाने वाले बल्ले आजकल पहले के मुक़ाबले और भी बेहतरीन हो गए हैं। मौजूदा दौर में बल्लेबाजों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बल्ले का आकार पहले के बल्लों जैसा नहीं रहा जिसपर ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज रिकी पोंटिंग ने आपत्ति जताई थी। पोंटिंग के अनुसार मौजूदा दौर में इस्तेमाल किए जाने वाले बल्ले काफी बड़े और चौड़े बनने लगे हैं जिससे गेंदबाजों के मुक़ाबले बल्लेबाजों को ज़्यादा फायदा मिलने लगा है। पोंटिंग की इस बात से ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज बल्लेबाज़ बल्लेबाज़ डेविड वॉर्नर नाखुश दिखे। बल्लों के आकार पर पोंटिंग द्वारा की गई टिप्पणी से वॉर्नर सहमत नहीं हैं और उन्होंने उनके इस बयान पर तर्क भी दिया है। वॉर्नर ने इन बल्लों से होने वाले लाभ और हानि दोनों को बताया है। जिसमें एक तरफ इन बल्लों से फायदा पहुंचता है तो दूसरी तरफ इससे कई नुक्सान भी होते हैं। वॉर्नर के मुताबिक जो बल्लेबाज़ भारी बल्लों, जैसे कि ग्रे निकोलस काबूम का इस्तेमाल करते हैं वो मैदान की परिस्थितियों को देखकर करते हैं। और दिन के अंत में अगर लोग इसपर टिप्पणी करते हैं तो ये उनका अपना नज़रिया है जिसे कोई बादल नहीं सकता”: वॉर्नर इसपर वॉर्नर ने ये भी कहा “मौजूदा बल्लेबाज़ भी आजकल शरीर के मुताबिक बल्ले इस्तेमाल करते हैं, अगर बल्ले भारी हैं तो बल्लेबाज़ भी काफी डीलडौल वाले शरीर के हैं। पर अगर मेरी बात की जाए तो मैं टेस्ट मैचों में छोटे बल्ले से खेलना पसंद करता हूं। और उपमहाद्वीपों में मैं भारी बल्ला इस्तेमाल करता हूं। हो सकते हैं कि मेरे बल्ले दूसरों के बल्लों से ज़्यादा भारी होते हैं पर उन बल्लों पर लकड़ी वही होती जो दूसरों के बल्लों की है”। अब ये देखना बाकी है कि वॉर्नर के इस बयान पर कौन समर्थन में आता है।

Edited by Staff Editor
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