क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने साफ कर दिया है कि बॉल टेंपरिंग की शर्मनाक घटना में मुख्य भूमिका अदा करने वाले डेविड वॉर्नर कभी ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी नहीं कर पाएंगे। प्रतिबंध हटने के बाद स्टीव स्मिथ भले ही भविष्य में कप्तान बन सकते हों लेकिन वॉर्नर कभी कप्तानी नहीं करेंगे। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ जेम्स सदरलैंड ने कहा कि भविष्य में डेविड वॉर्नर को कभी कप्तान नहीं बनाया जाएगा। स्मिथ की कप्तानी पर लोगों की प्रतिक्रिया और फैंस के विचारों को ध्यान में रखते हुए ही कोई फैसला लिया जाएगा। वॉर्नर पर एक जूनियर खिलाड़ी को गेंद से छेड़छाड़ की घटना को अंजाम देने के लिए दिशा-निर्देश देने का भी दोषी पाया गया है। इसलिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। वहीं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस मामले में टीम के कोच डेरेन लेहमैन को क्लीन चिट दे दी है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का कहना है कि लेहमैन को इस बारे में कुछ पता नहीं था और वॉकीटॉकी पर पीटर हैंड्सकोम्ब से उन्होंने पूछा था कि मैदान पर क्या गड़बड़ चल रहा है। सदरलैंड ने कहा कि लेहमैन को बॉल टेंपरिंग के बारे में भनक तक नहीं थी। गौरतलब है बॉल टेंपरिंग विवाद को लेकर स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर पर एक साल के लिए बैन लगा दिया गया है। वहीं कैमरन बैनक्रोफ्ट को 9 महीने के लिए प्रतिबंधित किया गया है। इसके अलावा स्मिथ और वॉर्नर की कप्तानी पर भी दो साल के लिए बैन लगाया गया है। हालांकि अब वॉर्नर वापसी के बाद भी कप्तानी नहीं कर सकेंगे। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा बैन लगाने का असर इन दोनों खिलाड़ियों के आईपीएल करियर पर भी पड़ा और इन्हें अपनी-अपनी टीमों की कप्तानी छोड़नी पड़ी। इसके अलावा आईपीएल के 11वें सीजन में खेलने के लिए भी दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अगले सीजन से ही स्मिथ और वॉर्नर आईपीएल में वापसी कर सकते हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के दौरान कैमरन बैनक्रोफ्ट बॉल टेंपरिंग करते हुए पाए गए थे और स्टीव स्मिथ ने कबूल किया था कि उन्हें इस बारे में पहले से पता था और ऐसा जानबूझकर किया गया।