टेस्ट क्रिकेट में आजकल डे-नाइट टेस्ट मैचों के चर्चे चल रहे हैं, तथा ऑस्ट्रेलिया में इसे श्रेष्ठ तरीके से बढ़ावा देने का प्रयास भी किया जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया अब तक रोशनी में दो डे-नाइट टेस्ट मैच आयोजित करा चुका है और ब्रिस्बेन में पाकिस्तान के खिलाफ इस महीने तीसरा डे-नाइट मुक़ाबला भी कराने के लिए तैयार है। पिछले वर्ष न्यूजीलैंड और इस वर्ष दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आयोजित हुए टेस्ट मैचों की सफलता के बाद खबरें आई है कि अगले साल एडिलेड में अब तक का पहला एशेज टेस्ट मैच आयोजित हो सकता है। हालांकि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अभी इस बात की पुष्टि नहीं की है लेकिन इस ओर संकेत मिला है कि यह सीरीज ब्रिस्बेन से शुरू होकर एडिलेड पहुंचेगी, इसके बाद आगे के मैच पर्थ, मेलबर्न और सिडनी में आयोजित किए जाएंगे। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी जेम्स साऊदरलैंड ने ऐसा संकेत किया है कि भविष्य में एक एशेज प्रतियोगिता लाइट की रोशनी में खेली जा सकती है। उनका कहना था "मुझे लगता है कि इंग्लैंड के साथ बर्मिंघम में डे-नाइट मैच होना एक संकेत है कि इस प्रकार के आयोजन विश्व के अन्य भागों में भी हो सकते हैं जब उनका कहीं दौरा हो।" एलिस्टेयर कुक और स्टीव स्मिथ ने कहा था कि वे क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप को पारंपरिक तरीके से ही खेलना चाहेंगे, लेकिन ऐसा नजर आ रहा है कि इस मामले पर प्रबन्धकों के अपने अलग विचार है। गौरतलब है कि टेस्ट क्रिकेट में अब तक विश्व में दो ही मैच डे-नाइट हुए हैं और दोनों मैच ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में आयोजित किए गए हैं, आम तौर पर टेस्ट मैचों में उपयोग होने वाली लाल गेंद की बजाय डे-नाइट टेस्ट मैच में गुलाबी गेंद का उपयोग किया जाता है। गुलाबी गेंद रात को लाइट की रोशनी में आसानी से नजर आती है जबकि लाल गेंद को देख पाना मुश्किल होता है।