आईपीएल के पहले संस्करण साल 2008 में डेक्कन चार्जर्स अंतिम स्थान पर रही थी। कागजों पर मजबूत दिखने वाली ये बतौर इकाई अच्छा नहीं खेली थी। जिसकी वजह से टीम अंकतालिका में सबसे नीचे रही थी। हालांकि टीम ने अगले सीज़न में बेहतरीन वापसी की दक्षिण अफ्रीका में हुए टूर्नामेंट में यही टीम बतौर चैंपियन बनकर उभरी थी। ये वास्तव में खिलाड़ियों की एकजुटता और बेहतरीन प्रदर्शन करने का परिणाम था। खेल की परिस्थितियां उन्हें काफी सूट कर गयीं। उसके बाद से आज 7 सीज़न बीत गये और इस टीम के कई खिलाड़ी अब इधर उधर मूव कर चुके हैं या उन्होंने खेल को अलविदा कह दिया है। आज हम उन खिलाड़ियों पर नजर डालेंगे की आखिर वह कहाँ हैं:
#1 एडम गिलक्रिस्ट
साल 2009 के सीज़न में गिलक्रिस्ट ने एक प्रेरणास्रोत कप्तान की भूमिका निभाई थी। गिलक्रिस्ट ने उसके बाद चार साल तक क्रिकेट खेला। और अब वह क्रिकेट कमेंट्री और विश्लेषक में हाथ अजमा रहे हैं। जिन्हें बिग बैश लीग में सुना जा सकता है। गिलक्रिस्ट ने दुबई में हुए मास्टर चैंपियंस लीग में सैजिटेरियस सोल्जर्स का प्रतिनिधित्व भी किया।
#2 हर्शल गिब्स
प्रोटियाज़ के तेज तर्रार बल्लेबाज़ मैदान पर काफी रंग बिरंगे करैक्टर की तरह थे। अपने संन्यास के बाद गिब्स अपनी ज़िन्दगी का मज़ा ले रहे हैं। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के इंग्लैंड दौरे के लिए गिब्स ने बीबीसी रेडिओ के लिए बतौर कमेंटेटर और विश्लेषक की ज़िम्मेदारी निभाई थी।
#3 तिरुमलसेट्टी सुमन
सुमन आईपीएल में मुंबई इंडियंस और पुणे वारियर्स के लिए भी खेल चुके हैं। हालांकि सुमन अभी भी हैदराबाद के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं और इस बार वह आईपीएल में सनराइज़र्स की टीम का हिस्सा भी हैं।
#4 एंड्रयू साइमंड्स
गिलक्रिस्ट की तरह सायमो भी बिगबैश में कमेंटेटर के तौर पर जुड़े हैं। वह भी मास्टर चैंपियंस लीग में खेल चुके हैं। दुबई में उन्होंने कैपरीकॉर्न कमांडर्स की तरफ से खेला था। साइमंडस के बारे में ये भी खबर मिली है की वह टी-20 में वापसी की तैयारी कर रहे हैं। साल 2014 टी-20 वर्ल्डकप से पहले वह ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ दक्षिण अफ्रीका में टी-20 में बतौर कंसलटेंट के रूप में काम भी कर चुके हैं।
#5 रोहित शर्मा
समय बहुत आगे बढ़ गया है और रोहित शर्मा भारत के सीमित ओवरों की टीम के स्थापित सदस्य बन गये हैं। आईपीएल में वह मुंबई इंडियंस के कप्तान भी हैं। जहां उन्हें दो बार खिताबी जीत भी मिल चुकी है।
#6 वेणुगोपाल राव
वेणुगोपाल के पास शानदार प्रतिभा है, लेकिन वह कभी भी खुद को राष्ट्रीय टीम में स्थापित नहीं कर पाए। उनमे निरंतरता न होने की वजह से वह भारतीय टीम के लिए लंबे समय तक नहीं खेल पाए। आईपीएल में भी उनकी निरंतरता में काफ़ी कमी दिखाई दी। जिसकी वजह से वह किसी भी फ्रैंचाइज़ी के लिए अच्छा नहीं खेल पाए। साल 2015-16 में वह हैदराबाद के बजाय गुजरात के लिए रणजी खेलने चले गये थे।
#7 अज़हर बिलाखिया
अज़हर बिलाखिया बड़ौदा टीम के 2009 तक स्थापित सदस्य की तरह रहे। लेकिन अचानक उनके प्रदर्शन पर सवाल उठने लगे। वह डेक्कन के लिए एक भी बढ़िया पारी नहीं खेल पाए और सिर्फ विनिग टीम हिस्सा भर रहे। बिलाखिया कभी भी अगले दौर में नहीं पहुंच पाए। साल 2010 में 24 साल की उम्र में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया और अब वह अपना पारिवारिक बिज़नेस कर रहे हैं।
#8 रेयान हैरिस
साल 2013 में हुए एशेज में हैरिस को मिचेल जॉनसन का जोड़ीदार बनने के लिए याद किया जाता रहेगा। हैरिस आईपीएल में डेक्कन और पंजाब दोनों के लिए खेले थे। हैरिस अक्सर घुटने की चोट से जूझते रहे और इसी वजह से उन्होंने अचानक साल 2015 में इंग्लैंड में हो रहे एशेज में संन्यास ले लिया। जिसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के सामने घुटने टेक दिए थे।
#9 प्रज्ञान ओझा
ओझा ने निरंतर डेक्कन चार्जर्स के लिए अच्छा प्रदर्शन किया। जिसका इनाम उन्हें राष्ट्रीय टीम की कैप से मिला। वह बाएं हाथ स्लो स्पिन गेंदबाज़ थे। लेकिन अचानक उनके प्रदर्शन में गिरावट आ गई। उनके गेंदबाज़ी एक्शन पर भी सवाल उठे थे। जिसे उन्हें सही करने को कहा गया था। साल 2015-16 में ओझा ने बंगाल की तरफ से रणजी मैच खेला था। जहां उनका प्रदर्शन अच्छा था। इस बार आईपीएल में उन्हें कोई ख़रीदार नहीं मिला।
#10 हरमीत सिंह
हरमीत अपने विविधता से अक्सर बल्लेबाजों को सकते में डालने में कामयाब हो जाया करते थे। लेकिन बाद में उन्हें बल्लेबाज़ आराम से पढ़ने लगे। डेक्कन के बाद हरमीत पंजाब के लिये खेलने लगे लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से कभी आकर्षित नहीं किया। इस साल उन्हें भी कोई खरीददार नहीं मिला लेकिन वह रणजी में पंजाब की तरफ से खेलते हैं।
#11 आरपी सिंह
आरपी सिंह उस वक्त अपने श्रेष्ठ फॉर्म में थे। डेक्कन चार्जर्स के कप्तान गिलक्रिस्ट ने उनका दक्षिण अफ्रीका की परिस्थितियों में बेहतरीन इस्तेमाल किया था। उसके बाद आरपी सिंह के प्रदर्शन में लगातार गिरावट देखने को मिली। वह अपनी स्विंग की धार को खोते गये। साथ ही उनकी राष्ट्रीय टीम से भी छुट्टी हो गयी। उसके बाद वह अपनी स्विंग नहीं पा सके। साल 2011 में इंग्लैंड के दौरे पर अचानक उन्हें चोटिल ज़हीर की जगह टीम में मौका दिया गया। लेकिन उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। साल 2013 में वह मुंबई की तरफ से खेले, लेकिन साल 2014 और 2015 में वह किसी भी टीम में शामिल नहीं हो सके। इस बार उन्हें राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स ने खरीदा है। रणजी में इस सीजन में आरपी सिंह उत्तर प्रदेश के बजाय गुजरात की तरफ से खेले थे। जहां उनका प्रदर्शन शानदार रहा था। लेखक-मनीष, अनुवादक-मनोज तिवारी