देवधर ट्रॉफी 2017: 5 ऐसे प्लेयर जो टीम में जगह नहीं बना पाए

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इंडियन प्रीमियर लीग से कई सारे युवा खिलाड़ियों ने अपनी एक अलग पहचान बनाई। आईपीएल में अपने प्रदर्शन के दम पर उन्होंने नेशनल टीम में जगह बनाई। हालांकि ऐसा नहीं है कि केवल आईपीएल से ही युवा भारतीय खिलाड़ी निकले बल्कि दूसरे घरेलू टूर्नामेंट्स में कई सारे खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया और नेशनल टीम में दस्तक दी। सीमित ओवरों के क्रिकेट के लिए इन खिलाड़ियों ने अपनी मजबूत दावेदारी पेश की। हाल ही में संपन्न हुए विजय हजारे ट्रॉफी में भी कई सारे क्रिकेटरों ने अपनी छाप छोड़ी। विजय हजारे ट्रॉफी के बाद अब देवधर ट्रॉफी खेली जाने वाली है। इससे चयनकर्ताओं को भी अच्छे खिलाड़ियों को चुनने में मदद मिलेगी। हालांकि देवधर ट्रॉफी में महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह जैसे दिग्गज प्लेयरों को आराम दिया गया है। लेकिन हरभजन सिंह और दिनेश कार्तिक जैसे सितारे एक बार फिर से अपना जलवा बिखेरने को बेताब हैं। अपने प्रदर्शन के दम पर वो भारतीय टीम में वापसी की जरुर कोशिश करेंगें। देवधर ट्रॉफी में कई सारे प्लेयर खेल रहे हैं लेकिन बहुत से नाम ऐसे हैं जो कि टीम में अपनी जगह नहीं बना पाए। आइए जानते हैं ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में जो कि देवधर ट्रॉफी के लिए टीम में जगह बनाने में नाकामयाब रहे। सौरभ तिवारी सौरभ तिवारी 2008 में वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय अंडर-19 टीम का हिस्सा थे। झारखंड के सौरभ तिवारी काफी आक्रामक बल्लेबाज माने जाते हैं। आईपीएल के पहले कुछ सीजन में मुंबई इंडियंस की तरफ से खेलते हुए उन्होंने मैच फिनिशर की भूमिका काफी अच्छे से निभाई। पिछले कुछ सीजन से घरेलू क्रिकेट में सौरभ तिवारी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, हालांकि आईपीएल में उनका प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा है। पिछले साल वो राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स की टीम का हिस्सा थे। 2017 की विजय हजारे ट्रॉफी में भी वो गजब की फॉर्म में थे। 2 शतक लगाते हुए उन्होंने टूर्नामेंट में कुल 20 छक्के जड़े। झारखंड की तरफ से वो सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे जबकि पूरे टूर्नामेंट में रन बनाने के मामले में वो छठे स्थान पर रहे। हालांकि इतने अच्छे प्रदर्शन के बावजूद वो देवधर ट्रॉफी में जगह बनाने में नाकामयाब रहे। अभिमन्यु ईस्वरन abhimanyu-easwaran-clb-1490098298-800 काफी कम उम्र में ही अभिमन्यु ईस्वरन ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर सबको प्रभावित किया। ईस्वरन तमिलनाडु से ताल्लुक रखते हैं लेकिन मजबूत घरेलू स्ट्रक्चर की वजह से वो बंगाल की टीम की तरफ से रणजी खेलने लगे। इसकी सबसे बड़ी वजह ये भी रही कि बंगाल के टीम में दूसरे स्टेट के खिलाड़ियों को भी उतनी ही तरजीह मिलती है। विजय हजारे ट्रॉफी में ईस्वरन का प्रदर्शन काफी लाजवाब रहा। 2 शतक और 2 अर्धशतक की मदद से वो टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। रन बनाने के मामले में उनसे आगे सिर्फ दिनेश कार्तिक रहे। सेमीफाइनल मुकाबले में झारखंड के खिलाफ उन्होंने 101 रनों की बेहतरीन पारी खेली। हालांकि इतने अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उन्हें देवधर ट्रॉफी की दोनों ही टीमों में जगह नही मिली। प्रज्ञान ओझा ojhaaaa पिछले कुछ समय से प्रज्ञान ओझा लगातार भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। एक समय वो भारतीय टीम के नियमित सदस्य हुआ करते थे और टीम के मुख्य स्पिनर थे। लेकिन गेंदबाजी एक्शन पर सवाल उठने के बाद से ही वो टीम में जगह खो बैठे। हालांकि उन्हें मामले में जल्द ही क्लीन चिट मिल गई लेकिन भारतीय टीम में वापसी के लिए वो अब भी संघर्ष कर रहे हैं। 3 साल से भी ज्यादा का समय हो गया है जब ओझा ने भारतीय टीम के लिए कोई मैच खेला था। वहीं आईपीएल का भी वो नियमित हिस्सा नहीं रहे। हालांकि विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने गेंदबाजी अच्छी की। 9 मैचों में ओझा ने 15 विकेट चटकाए। इससे पहले सैय्यद मुश्ताक अली टूर्नामेंट में भी उन्होंने 4 मैचों में 7 विकेट चटकाए थे। लेकिन इसके बावजूद वो देवधर ट्रॉफी में अपना स्थान पक्का नहीं कर सके। वरुण एरोन varun वरुण एरोन को कभी भारतीय टीम का सबसे तेज गेंदबाज माना जाता था। लेकिन खराब फॉर्म और चोट की वजह से वो टीम में अपनी जगह खो बैठे। वहीं कई दूसरे अच्छे तेज गेंदबाजों के टीम में आने की वजह से भी वो टीम में वापसी नहीं कर पाए। उनकी चोट इतनी गहरी थी कि उन्हें उससे उबरने में काफी वक्त लग गया। यहीं उनके इंटरनेशनल करियर के लिए बुरा साबित हुआ। हालांकि घरेलू क्रिकेट में हाल के दिनों में उनकी गेंदबाजी अच्छी रही। विजय हजारे ट्रॉफी में झारखंड के लिए 7 मैचों में 21 की औसत और 4.88 की इकॉनामी रेट से उन्होंने 14 विकेट चटकाए। फिर भी चोट की वजह से वो अपनी पूरी ताकत के साथ गेंदबाजी नहीं कर पा रहे थे। शायद यही वजह रही कि उन्हें देवधर ट्रॉफी की किसी भी टीम में जगह नहीं मिली। सुरेश रैना suresh-raina विस्फोटक बल्लेबाज सुरेश रैना भी देवधर ट्रॉफी में जगह नहीं बना पाए। खराब फॉर्म की वजह से करीब एक साल बाद उन्होंने भारतीय टीम में वापसी की, जबकि कभी वो टीम के नियमित सदस्य हुआ करते थे। जून में इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन होना है लेकिन देवधर ट्रॉफी की टीम में चुने ना जाने की वजह से सुरेश रैना की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। पिछले साल से ही रैना का फॉर्म उतना अच्छा नहीं रहा है जिसकी वजह से उन्हें भारतीय टीम से बाहर भी होना पड़ा। बीमार होने की वजह से पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में भी वो हिस्सा नहीं ले पाए थे। इंग्लैंड के खिलाफ केवल उन्हें टी-20 सीरीज में ही खेलने का मौका मिला। हालांकि रणजी सीजन के आखिरी सत्र में 90 से ज्यादा रन बनाकर उन्होंने फॉर्म में आने के संकेत दे दिए। इंग्लैंड के खिलाफ बेंगलुरु में भी उन्होंने 63 रनों की बेहतरीन पारी खेली। हालांकि उत्तर प्रदेश की टीम का कप्तान नियुक्त किए जाने के बावजूद उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में हिस्सा नहीं लिया। अब देवधर ट्रॉफी की किसी भी टीम में उनका नाम नहीं है। लेखक-आद्या शर्मा अनुवादक-सावन गुप्ता

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