वरुण एरोन को कभी भारतीय टीम का सबसे तेज गेंदबाज माना जाता था। लेकिन खराब फॉर्म और चोट की वजह से वो टीम में अपनी जगह खो बैठे। वहीं कई दूसरे अच्छे तेज गेंदबाजों के टीम में आने की वजह से भी वो टीम में वापसी नहीं कर पाए। उनकी चोट इतनी गहरी थी कि उन्हें उससे उबरने में काफी वक्त लग गया। यहीं उनके इंटरनेशनल करियर के लिए बुरा साबित हुआ। हालांकि घरेलू क्रिकेट में हाल के दिनों में उनकी गेंदबाजी अच्छी रही। विजय हजारे ट्रॉफी में झारखंड के लिए 7 मैचों में 21 की औसत और 4.88 की इकॉनामी रेट से उन्होंने 14 विकेट चटकाए। फिर भी चोट की वजह से वो अपनी पूरी ताकत के साथ गेंदबाजी नहीं कर पा रहे थे। शायद यही वजह रही कि उन्हें देवधर ट्रॉफी की किसी भी टीम में जगह नहीं मिली।
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