इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट मैच (IND vs ENG) में भारत की तरफ से देवदत्त पडीक्कल (Devdutt Padikkal) ने अपना टेस्ट डेब्यु किया और शानदार पारी खेली। उन्होंने पहली पारी के दौरान बेहतरीन अर्धशतक लगाया। पडीक्कल ने बताया कि उनकी सफलता का राज क्या है। युवा बल्लेबाज ने कहा कि जब वो इंजरी की वजह से बाहर हो गए थे, तब उन्हें ये एहसास हुआ कि वो इस गेम को कितना ज्यादा पसंद करते हैं।
केएल राहुल के बाहर होने के बाद देवदत्त पडीक्कल को टीम में लाया गया और धर्मशाला में उन्हें डेब्यू का भी मौका मिला। टीम मैनेजमेंट के इस फैसले को पडीक्कल ने सही साबित किया। उन्होंने पहली पारी में 103 गेंद पर 10 चौके और 1 छक्के की मदद से 65 रनों की बेहतरीन पारी खेली।
मैं गेम को इंज्वॉय करना चाहता हूं - देवदत्त पडीक्कल
दूसरे दिन के खेल के बाद देवदत्त पडीक्कल ने बताया कि इंजरी के दौरान उन्हें ये एहसास हुआ कि वो इस गेम को काफी ज्यादा प्यार करते हैं। उन्होंने कहा,
तकनीकी तौर पर मैंने कुछ छोटे-मोटे बदलाव किए हैं लेकिन मानसिक तौर पर काफी बदलाव मेरे अंदर आया है। मैंने ये सुनिश्चित किया कि गेम को इंज्वॉय करुं। पिछले कुछ साल से मैं लगातार नहीं खेल पा रहा था और तब मुझे ये एहसास हुआ कि मुझे इस गेम से कितना लगाव है। मेरा हमेशा से ही ये मानना रहा है कि अनुशासन ही सफलता की चाबी है। मैंने लगातार अनुशासन के साथ प्रैक्टिस किया और अपनी रोजमर्रा की चीजों में भी इसका कड़ाई से पालन किया। बीमारी के दौरान भी मैं लगातार खुद के ऊपर काम करता रहा।
आपको बता दें कि देवदत्त पडीक्कल ने डोमेस्टिक क्रिकेट में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। इसके अलावा हाल ही में इंग्लैंड लायंस के खिलाफ भी उन्होंने बेहतरीन खेल दिखाया था। इसी वजह से उन्हें भारतीय टीम की तरफ से खेलने का मौका मिला।