धोनी ने 'दर्द और धुंधली दृष्टी' के बावजूद निभाई कप्तान की जिम्मेदारी

भारतीय टीम के सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को ज़िम्बाब्वे के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय टी20 सीरीज के तीसरे व अंतिम मैच में बुधवार को आंख में गंभीर चोट लगी थी। 34 वर्षीय बल्लेबाज को ज़िम्बाब्वे के तेज गेंदबाज डोनाल्ड तिरिपानो की गेंद पर आंख में चोट लगी थी। दरअसल, धोनी गेंद पर प्रहार करने के लिए जोरदार शॉट ज़माने गए थे, लेकिन वह चूक गए और गेंद सीधे स्टंप्स पर जाकर लगी। धोनी शॉट चूकने के बाद जैसे ही पीछे मुड़े तो गिल्ली उड़ती हुई सीधी उनकी आंख पर जा लगी। चुंकि धोनी तैयार नहीं थे इसलिए उन्हें बहुत दर्द महसूस होना लाजमी था। इससे पहले भी कई बार दर्द के बावजूद खेलने वाले धोनी ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर अपने प्रशंसकों से साझा किया कि कल उन्होंने कितनी मुश्किलें झेली। धोनी ने मैच के बाद अपनी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'जब गिल्ली से लगती है तो ऐसे हाल होता है, भाग्यशाली रहा कि धुंधली दृष्टी और दर्द के साथ सिर्फ विकेटकीपिंग करना पड़ी।' याद हो कि मेजबान टीम द्वारा पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित टीम इंडिया बेहतर रनरेट के लिए संघर्ष करती रही। धोनी ने रनरेट बढाने का प्रयास जरुर किया, लेकिन जल्दी आउट हो गए। धोनी 13 गेंदों में सिर्फ 9 रन बना सके। धोनी ने हालांकि दर्द के बावजूद विकेटकीपिंग की और अपनी सशक्त कप्तानी के दम पर टीम को रोमांचक मुकाबले में तीन रन से जीत दिलाई। धोनी को भाग्यशाली इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि इससे पहले 2000 में भारतीय विकेटकीपर सबा करीम, 2012 दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर मार्क बाउचर और 2015 इंग्लैंड के विकेटकीपर क्रेग कीज़वेटर आंख में चोट के कारण संन्यास ले चुके हैं।