इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज (IND vs ENG) के पहले दो मैचों के लिए जब भारतीय टीम (Indian Cricket Team) का ऐलान हुआ तो एक नाम ने हर किसी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। ये नाम था उत्तर प्रदेश के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल का (Dhruv Jurel), जिनका चयन भारत की टेस्ट टीम में किया गया है। हालांकि यहां तक पहुंचने के लिए ध्रुव जुरेल को काफी संघर्ष करना पड़ा और जिसका खुलासा उन्होंने अब किया है। जुरेल के मुताबिक जब उनके पास क्रिकेट किट खरीदने के लिए पैसे नहीं थे तो उनकी मां ने अपनी सोने की चेन बेच दी थी।
ध्रुव जुरेल की अगर बात करें तो वो इससे पहले आईपीएल और इंडिया अंडर-19 लेवल पर खेल चुके हैं और अब भारत की टेस्ट टीम का हिस्सा हैं। हालांकि उनकी कहानी काफी संघर्ष भरी रही है। इसका खुलासा खुद उन्होंने किया है।
ध्रुव जुरेल ने अपने शुरुआती दिनों को किया याद
दैनिक जागरण से बातचीत के दौरान ध्रुव जुरेल ने बताया कि किस तरह से उनके पास क्रिकेट किट खरीदने तक के पैसे नहीं थे। उन्होंने कहा,
मैं आर्मी स्कूल में पढ़ता था। छुट्टियों के दौरान मैंने आगरा के एकलव्य स्टेडियम में क्रिकेट कैंप ज्वॉइन करने का फैसला किया। मैंने फॉर्म तो भरा लेकिन अपने पिता को नहीं बताया। जब उन्हें पता चला तो फिर उन्होंने काफी डांट मुझे लगाई। हालांकि 800 रुपए उधार लेकर उन्होंने मुझे एक बल्ला दिलवाया। जब मैंने उनसे कहा कि क्रिकेट किट की जरूरत है तो फिर उन्होंने कहा कि कितना पैसा इसमें लगेगा। मैंने उन्हें बताया कि ये छह से सात हजार में आएगा। इसके बाद पापा ने मुझसे कहा कि खेलना बंद कर दो। हालांकि मैं जिद पर अड़ा हुआ था और अपने आपको बाथरुम में बंद कर लिया। इसके बाद मेरी मां ने अपनी गोल्ड चेन बेच दी और मुझे क्रिकेट किट दिलाया।