पूर्व भारतीय (India Cricket team) कप्तान दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) और शुभांगी कुलकर्णी (Shubhangi Kulkarni) को शनिवार को बीसीसीआई (BCCI) की शीर्ष परिषद में भारतीय क्रिकेटर संघ (ICA) का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया। जहां कुलकर्णी को महिला आईसीए प्रतिनिधित्व के रूप में निर्विरोध चुना गया। वहीं वेंगसरकर ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर और निवर्तमान आईसीए अध्यक्ष अशोक मल्होत्रा को हराया। तीन दिन हुई ई-वोटिंग में वेंगसरकर को 402 वोट मिले, जबकि मल्होत्रा को केवल 230 वोट मिले।
अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी सबसे पहले बीसीसीआई में आईसीए प्रतिनिधित्व थे, जिनका कार्यकाल अक्टूबर 2019 से अक्टूबर 2022 तक रहा था। लोढ़ा सुधारों के कारण आईसीए के प्रतिनिधियों को बीसीसीआई की शीर्ष परिषद में शामिल किया गया।
पूर्व भारतीय स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने आईपीएल गवर्निंग काउंसिल में अपनी जगह बरकरार रखी है। उन्होंने विजय मोहन राज को हराया। ओझा के पक्ष में 396 जबकि राज के पक्ष में 234 वोट आए।
66 साल के वेंगसरकर को प्रशासनिक अनुभव है और वह एनसीए के निदेशक रह चुके हैं। वह राष्ट्रीय टीम के प्रमुख चयनकर्ता भी रह चुके हैं। वेंगसरकर ने पीटीआई से कहा, 'मैंने जो पहले किया, यह भूमिका उससे बहुत अलग नहीं है। मैं सभी पूर्व क्रिकेटरों को धन्यवाद कहना चाहता हूं, जिन्होंने मेरे पक्ष में वोट दिया। हमें बोर्ड अधिकारियों से अभी मिलना है, लेकिन हम निश्चित ही आईसीए और बीसीसीआई के बीच सहज समन्वय के साथ काम करेंगे।'
2006 में महिला क्रिकेट को बोर्ड की निगरानी में लाने से पहले कुलकर्णी ने भारतीय महिला क्रिकेट संघ के सचिव के रूप में कार्य किया। कुलकर्णी की पूर्वाधिकारी रंगास्वामी ने बीसीसीआई शीर्ष परिषद में उनके शामिल होने का स्वागत किया।
बाहर जा रहे पुरुष प्रतिनिधि गायकवाड़ को आईसीए अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया। रंगास्वामी और यजुरविंद्र सिंह को आईसीए के सदस्य प्रतिनिधि के रूप में चुना गया और वे आईसीए बोर्ड में निदेशक के रूप में काम करेंगे। हितेश मजमुदार और वी कृष्णास्वामी क्रमशः आईसीए सचिव और कोषाध्यक्ष चुने गए।