भारतीय चयन समिति ने इंग्लैंड के खिलाफ मोहाली में शनिवार को होने वाले तीसरे टेस्ट मैच के लिए विकेट कीपर ऋद्धिमान साहा की जगह पार्थिव पटेल को भारतीय टीम में चुना। उनके पास युवा विकेट कीपर ऋषभ पंत को चुनने का विकल्प था, जो अभी एक शानदार फॉर्म से गुजर रहे हैं। लेकिन चयनकर्ताओं ने पार्थिव पटेल के अनुभव को तवज्जो देना ठीक समझा। इसके अलावा दिनेश कार्तिक के नाम पर भी विचार किया जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 31 वर्षीय दिनेश कार्तिक ने 2016-17 के घरेलू सत्र का शानदार आगाज किया। इस दौरान कार्तिक ने 163, 73, 95, 65, 80, 52 पारियां खेली, लेकिन मध्य प्रदेश के खिलाफ कटक में रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान चोटिल होने के कारण वे इसे बरकरार नहीं रख पाए। कार्तिक ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए कहा “मुझे बहुत बुरा लगा क्योंकि मैंने अपनी कीपिंग को लेकर काफी मेहनत की थी। सत्र में मैंने पूर्व भारतीय विकेट कीपर समीर दिघे के साथ भी इस पर काम किया। मेरे दांए हाथ में बीच की उंगली में हल्का फ्रेक्चर था लेकिन मैंने अगले 2 मैचों के लिए खेलने का फैसला किया। यह बहुत बुरा था और मुझे आगे विकेट कीपिंग करने से मना किया गया क्योंकि इससे मेरा पूरा सत्र समाप्त हो सकता था।“ तमिलनाडू के इस खिलाड़ी ने कहा “गौतम गंभीर और अशीष कपूर (दिलीप ट्रॉफी में इंडिया ब्लू के कप्तान और कोच) मेरी कीपिंग में किये गये सुधारों के बारे में बता सकते हैं।“ पार्थिव पटेल की टीम इंडिया में वापसी के बाद कार्तिक भी टीम में आने की कोशिश में लगे हुए हैं। इस विकेट कीपर बल्लेबाज ने कहा कि वे देश के लिए फिर से खेलने की कोशिश जारी रखेंगे। दिनेश कार्तिक के अनुसार “एक विकेट कीपर के रूप में मैंने सकारात्मक सुधार किया है और फिर से दस्ताने पहनने के लिए मेरे हाथों में खुजली हो रही है। भारतीय टीम में खेलने की मेरी इच्छा अभी भी प्रज्वलित है। फिटनेस के बारे में दिनेश कार्तिक ने कहा कि गुजरात के खिलाफ होने वाले मैच में मैं फिट हो जाऊंगा और वापस बल्ले से प्रदर्शन की कोशिश करूंगा।