"द्रविड़ ने उन्‍हें खराब शॉट खेलने पर डांट लगाई थी", सहवाग ने समझाया कैसे धोनी फिनिशर बने

वीरेंदर सहवाग ने बताया कि कैसे एमएस धोनी बड़े हिटर से मैच फिनिशर बने
वीरेंदर सहवाग ने बताया कि कैसे एमएस धोनी बड़े हिटर से मैच फिनिशर बने

भारतीय टीम (India Cricket team) के पूर्व ओपनर वीरेंदर सहवाग (Virender Sehwag) का मानना है कि खराब शॉट खेलने पर राहल द्रविड़ (Rahul Dravid) की फटकार से एमएस धोनी (MS Dhoni) बल्‍लबाजी के प्रति सोच बदली। सहवाग के मुताबिक धोनी बड़े हिटर से फिनिशर द्रविड़ की कप्‍तानी में 2006-07 में बने।

एमएस धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट में खुद की घोषणा की जब उन्‍होंने अप्रैल 2005 में पाकिस्‍तान के खिलाफ विशाखापत्‍तनम में 123 गेंदों में 148 रन की पारी खेली थी। इसी साल धोनी ने जयपुर में श्रीलंका के खिलाफ नाबाद 183 रन की पारी खेली थी, जिसकी मदद से भारत ने 299 रन का लक्ष्‍य हासिल किया।

कुछ सालों में धोनी ने अपनी आक्रमकता कम की और कूल फिनिशर के रूप में पहचाने जाने लगे हैं।

सहवाग ने समझाया कि कैसे यह बदलाव आया। उन्‍होंने इंडिया टीवी से बातचीत में कहा कि धोनी ने अपने खेल में आधुनिकता अपनाई जब उन्‍हें पिच पर अंत तक खेलने की जिम्‍मेदारी दी गई। सहवाग ने कहा, 'धोनी को द्रविड़ की कप्‍तानी में फिनिशर की भूमिका सौंपी गई थी। धोनी को एक बार खराब शॉट खेलने के लिए राहुल द्रविड़ ने डांट लगाई थी। मेरे ख्‍याल से उस घटना ने धोनी को बदल दिया। 2006-07 के दौरान उनमें बदलाव आया और मैच खत्‍म करने की जिम्‍मेदारी उठाना शुरू की।'

43 साल के सहवाग ने युवराज-धोनी की जोड़ी को श्रेय दिया, जिन्‍होंने वनडे क्रिकेट में भारत के रिकॉर्ड 16 लगातार सफल रन चेज में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। सहवाग ने कहा, 'धोनी ने युवराज के साथ अविश्‍वसनीय साझेदारी बनाई जब हमने रिकॉर्ड 16 लगातार सफल रन चेज किए थे।'

सहवाग ने याद किया कि दक्षिण अफ्रीका में इसी कारण उन्‍हें सचिन तेंदुलकर और जवागल श्रीनाथ से डांट पड़ी थी और उनकी सोच में भी बदलाव आया था।

सौरव गांगुली ने अपना स्‍थान धोनी को दिया: सहवाग

एमएस धोनी के इंटरनेशनल करियर की शुरूआत प्रभावी नहीं रही थी। निचले क्रम में बल्‍लेबाजी करने वाले धोनी के पहले कुछ वनडे में बहुत छोटे स्‍कोर रहे। सौरव गांगुली ने रांची के खिलाड़ी का बल्‍लेबाजी क्रम बदला, जो मास्‍टरस्‍ट्रोक साबित हुआ।

2005 में गांगुली ने एमएस धोनी को तीसरे नंबर पर बल्‍लेबाजी करने के लिए भेजा, जहां विकेटकीपर बल्‍लेबाज ने अपनी प्रतिभा को दिखाया और मौके का शानदार अंदाज में लाभ उठाया।

गांगुली की कप्‍तानी की तारीफ करते हुए सहवाग ने कहा, 'पिंच हिटर्स के साथ तब प्रयोग होता था। दादा ने योजना बनाई कि धोनी को नंबर-3 पर तीन या चार मौके दिलाएं। अगर यह काम कर गया तो अच्‍छी बात है और अगर नहीं किया तो फिर किसी और को मौका देंगे। बहुत चुनिंदा कप्‍तान ऐसा करते हैं। दादा ने पहले मेरे लिए अपने ओपनिंग क्रम के साथ समझौता किया और फिर धोनी को अपना तीसरा स्‍थान दे दिया। अगर दादा ऐसा नहीं करते तो हो सकता है कि धोनी इतना बड़ा खिलाड़ी नहीं बनता।'

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Edited by Vivek Goel
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