भारतीय टीम के लिए पहले 2 वर्षों तक डायरेक्टर की भूमिका निभा चुके मुख्य कोच रवि शास्त्री का कद उसके बाद बढ़ा है इसलिए वह आज टीम के कोच भी बन गए हैं। वह अपनी नई भूमिका को पहले के कार्यकाल को आगे बढ़ाने जैसा ही समझ रहे हैं। टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बातचीत करते हुए शास्त्री ने कहा "मैं उस प्रकार का इंसान हूं जो अनावश्यक सामान साथ में ले जाना पसंद नहीं करता। ऐसा नहीं है कि मैं इस तरह जीवन में रहा हूं और क्रिकेट खेली हो। इसलिए मुझे खुद को अब क्यों बदलना चाहिए। मैं वर्तमान में रहना पसंद करता हूं और प्रत्येक दिन के बारे में सोचता हूं। उन्होंने यह भी साफ़ किया कि राहुल द्रविड़ और जहीर खान महज सलाहकार हैं और पूर्णकालिक कोच के रूप में भरत अरुण के आगे बढ़ने की संभावना है। गौरतलब है कि भारतीय टीम के कोच पद से अनिल कुंबले के त्यागपत्र देने के बोर्ड की क्रिकेट सलाहकार समिति ने रवि शास्त्री को इस जिम्मेदारी के लिए चुना है। उनका कार्यकाल इंग्लैंड एंड वेल्स के तत्वाधान में होने वाले 2019 विश्वकप तक के लिए रखा गया है। शास्त्री को कप्तान विराट कोहली की भी पहली पसंद माना जाता है। सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और लक्ष्मण वाली क्रिकेट सलाहकार समिति ने जहीर खान को गेंदबाजी कोच और विदेशों में दौरों के लिए राहुल द्रविड़ को टेस्ट बल्लेबाजी सलाहकार बनाया है। हालांकि पूर्णकालिक कोच रवि शास्त्री हैं और यह बात वे दर्शा भी चुके हैं। शास्त्री के अनुसार द्रविड़ और जहीर की सेवाएं ख़ास मौकों पर ली जाती रहेगी। बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी राहुल जौहरी ने कोच की घोषणा और साक्षात्कार होने से पहले भारतीय टीम और कप्तान कोहली से उनकी पसंद के बारे में भी पूछा था। इसके बाद शास्त्री इस दौड़ में सबसे आगे चल रहे थे और जब परिणाम आया तब हुआ भी कुछ ऐसा ही। टीम को उनकी कोचिंग में सबसे पहले श्रीलंका दौरे पर जाना है।