अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने घोषणा की है कि अगले वर्ल्ड टी20 से निर्णय समीक्षा प्रणाली (DRS) का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने आगे पुष्टि की है कि आगामी चैंपियंस ट्रॉफी और महिला वर्ल्ड कप में भी इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
इस खबर की पुष्टि आईसीसी के प्रमुख कार्यकारी डेविड रिचर्डसन ने शनिवार को की। भारत और इंग्लैंड के बीच हाल ही में संपन्न टी20 अंतर्राष्ट्रीय सीरीज में अंपायर के फैसलों की कड़ी आलोचना हुई थी, जिसके बाद DRS का नियम लागू करने की बातें उठी थी। मेहमान कप्तान इयोन मॉर्गन अंपायरों के फैसले से खासे नाराज थे और उन्होंने खेल के सबसे छोटे प्रारूप में DRS लागू करने के मामले को तूल दिया था। दरअसल, यह मामला जो रूट को नागपुर टी20 अंतर्राष्ट्रीय में गलत तरीके से आउट देने के बाद उठा था। अंपायर ने अंतिम ओवर में रूट को LBW आउट दिया था, जिसके बाद इंग्लैंड की टीम मैच जीतते-जीतते हार गई थी। क्रिकेट खेलने वाले प्रत्येक देश को DRS की महत्ता समझ आने लगी है, जिसे देखते हुए आईसीसी का यह कदम खेल में सकारात्मक पहलू ला सकता है। हमने देखा है कि अंपायरों से पहले भी कई गलतियां हुई है विशेषकर LBW के मामले में, इसे देखते हुए यह तकनीक काफी असरकारक साबित हो सकती है। अब जब आईसीसी ने वर्ल्ड टी20 जैसे प्रतिष्टित टूर्नामेंट में DRS को लागू करने का फैसला किया है तो यह समझा जा सकता है कि जल्द ही द्विपक्षीय टी20 अंतर्राष्ट्रीय सीरीज में भी इसका उपयोग करते देखा जा सकेगा। इस तकनीक के आने से अंपायरों को भी सहूलियत मिलेगी, क्योंकि कई बार दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में उनसे गलती हो जाती है। इसके अलावा बल्लेबाजी और गेंदबाजी करने वाली टीमों को भी इसका फायदा होगा, जो अंपायर द्वारा दिए गलत फैसले को पलटने में कामयाब हो सकेंगे।