पुजारा के बाद गुलाबी गेंद पर युवराज सिंह ने भी जताई नाराज़गी, गंभीर का भी दिया जवाब

भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज़ और वर्ल्डकप 2011 में प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ से नवाज़े गए युवराज सिंह ने गुलाबी गेंद को देखने में दिक़क्त की बात सामने रखी है। दिलीप ट्रॉफ़ी में भारत रेड की कप्तानी कर रहे युवराज की टीम फ़ाइनल में पहुंच चुकी है, जहां उनका सामना गौतम गंभीर की भारत ब्लू के साथ होगा। युवराज सिंह ने गुलाबी गेंद पर ये कहते हुए एक बार फिर बहस को जन्म दे दिया है कि रात में ख़ास तौर से लेग स्पिनर की गेंद देखना बल्लेबाज़ों के लिए चुनौती से कम नहीं। दिलीप ट्रॉफ़ी में अब तक सबसे सफल गेंदबाज़ रहे हैं बाएं हाथ के चाइनामैन गेंदबाज़ कुलदीप यादव और लेग स्पिनर श्रेयस गोपाल। कुलदीप यादव कलाइयों से गेंद को घुमाते हैं और सरल भाषा में कहा जाए तो वह बाएं हाथ से लेग स्पिन कराते हैं। युवराज सिंह ने कहा कि इन दोनों गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ बल्लेबाज़ों को इसलिए ज़्यादा दिक्कत हो रही है क्योंकि दोनों की गेंद को पढ़ पाना दुधिया रोशनी में मुश्किल है। ''मैंने महसूस किया है कि गुलाबी गेंद से और ख़ास तौर से रात में कलाई से स्पिन कराने वाले गेंदबाज़ों की गेंद को देख पाना मुश्किल होता है। जब मैं स्लिप में खड़ा था और कुलदीप गेंदबाज़ी कर रहे थे तो वहां से भी मुझे उनकी गेंदो को देखने में दिक्कत हो रही थी। इससे अंदाज़ा लगया जा सकता है कि लेग स्पिनर के ख़िलाफ़ खेलना मुश्किल है।'' : युवराज सिंह साथ ही साथ युवराज सिंह ने ये भी कहा कि गुलाबी गेंद पुरानी होने के बाद लाल गेंद की तरह रिवर्स स्विंग नहीं कर पाती। ''मैं इमानदारी के साथ एक बात कहना चाहूंगा जो मैंने बेहद क़रीब से देखी भी है, और वह ये कि जिस तरह लाल गेंद पुरानी होने के बाद रिवर्स स्विंग होती है। गुलाबी गेंद उस तरह रिवर्स स्विंग नहीं हो पाती, बल्ले पर पुरानी गेंद भी बहुत अच्छे से आती है।'' भारत-ब्लू और भारत-रेड के बीच दिलीप ट्रॉफी का फ़ाइनल मैच शनिवार से ग्रेटर नोएडा में गुलाबी गेंद से ही खेला जाना है।