भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने इस साल होने वाले घरेलू सत्र को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बीसीसीआई ने घरेलू सत्र में खेले जाने वाले बड़े टूर्नामेंट में से एक दिलीप ट्रॉफी को इस साल नहीं कराने का फैसला लिया। भारत में घरेलू स्तर पर 5 बड़े टूर्नामेंट खेले जाते हैं, जिनमें रणजी ट्रॉफी, दिलीप ट्रॉफी, देवधर ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट शामिल है लेकिन बीसीसीआई द्वारा किये गए फैसले से इस बार 2017-18 में दिलीप ट्रॉफी देखने को नहीं मिलेगी। बीसीसीआई की सलाहकार समिति ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि इस साल घरेलू सत्र से दिलीप ट्रॉफी को हटाने का फैसला लिया गया है। इसका कारण यह है कि रणजी ट्रॉफी और देवधर ट्रॉफी के बीच में जो समय मिलता है, वह बहुत कम होता है। इस समय के बीच में हम दिलीप ट्रॉफी का आयोजन नहीं कर सकते। सलाहकार समिति ने भारत में होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय और घरेलू मैचों को लेकर कहा कि न्यूज़ीलैंड 'ए' टीम सितंबर में भारत दौरे पर आ रही है, साथ ही ऑस्ट्रेलिया से वनडे सीरीज के बाद न्यूज़ीलैंड और श्रीलंका के साथ भारतीय क्रिकेट टीम को घरेलू सीरीज खेलनी है। बीसीसीआई के अधिकारियों का कहना है कि देश के 31 प्रीमियर ख़िलाड़ी भारत 'ए' और भारतीय टीम के साथ व्यस्त रहेंगे। इसीलिए सभी ख़िलाड़ी दिलीप ट्रॉफी में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। बीसीसीआई का प्लान देवधर ट्रॉफी में गुलाबी गेंद से टेस्ट मैच कराने का है, जिसमें उनका मानना है कि अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ सभी घरेलू ख़िलाड़ी हिस्सा ले सकेंगे। इंडियन प्रीमियर लीग के शुरू होने से सभी खिलाड़ियों का ध्यान घरेलू टूर्नामेंट से हटकर आईपीएल में ही लगा रहता है और पिछले कुछ सालों से दिलीप ट्रॉफी, रणजी ट्रॉफी और देवधर ट्रॉफी के बीच पिसता हुआ नजर आ रहा था। इसीलिए बीसीसीआई की सलाहकार समिति के फैसले के बाद दिलीप ट्रॉफी को इस साल से हटाया जा रहा है। 1961-62 से लगातार खेला जा रहा यह बड़ा घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट अब 56 साल बाद इस साल से नहीं खेला जायेगा।