वानखेड़े में शुरू हुए चौथे टेस्ट मैच में टॉस के दौरान सबकी निगाहें विराट कोहली पर टिकी थीं कि आखिर विराट की प्लेइंग 11 में किन किन को जगह मिलती है। अजिंक्य रहाणे और मोहम्मद शमी जैसे अहम खिलाड़ी चोटिल होने के बावजूद टीम में शामिल हैं बावजूद इसके की टीम इंड़िया में बैकअप के लिए अच्छा खिलाड़ी ढ़ूंढना वास्तव में कोई इतनी बड़ी समस्या नहीं है। मध्यमक्रम को मजबूत करने के लिए मोहाली में भारतीय कप्तान ने पहले ही करूण नायर का टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू कराया और मुंबई टेस्ट से पहले नईं गेंद के साथ गेंदबाजी के लिए भुवनेश्वर कुमार के साथी के रूप में उमेश यादव को भी उतारा गया। नायर के जबरदस्त फॉर्म के चलते उन्हें टीम में आगे भी रखा गया, तो शामी को घायल भूवनेश्वर के विकल्प के रूप में सुरक्षित रखा गया। भुवनेश्वर के टीम में शामिल होने से टीम एक अलग लेवल पर है तो वहीं टीम के सभी 11 खिलाड़ी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शतक जमा चुके है। जी हां, ग्यारहवें नंबर के खिलाड़ी उमेश यादव भी बल्ले के साथ यह कारनामा कर चुके है। यहीं नहीं, यह नौवीं बार है जब इंडिया ऐसे प्लेइंग 11 के साथ मैदान में उतर रही है. #11 उमेश यादव बल्ले के साथ उन्हें कभी-कभी तेज गेंदबाजों का सामना करते हुए देखा जा सकता है। लेकिन स्पिनर गेंदबाजों को अच्छे से खेल सकते है। उनकी बल्लेबाज़ी का तरीका उतना सटीक नहीं है लेकिन जब भी मौका मिलता है वह बड़े शॉट मारने से चूकते नहीं है। वैसे उनकी बल्लेबाजी कुछ खास नहीं है फिर भी उमेश ने प्रथम श्रेणी के 57 मैच खेले है और 14.83 की औसत से 623 रन बना कर 128 रन की नाबाद पारी के साथ एक शतक भी बनाया है। टेस्ट मैच की 28 पारियों में उमेश ने 167 रन बनाए है जिसमें 30 रन उनका उच्चतम स्कोर है। #10 भुवनेश्वर कुमार हाल के दिनों में भुवनेश्वर ने टीम के कई नाजुक मौकों पर महत्वपूर्ण पारियां खेलीं है। उनके खेलने की तकनीक अच्छी है और दसवें नंबर पर आने के बावजूद वह बल्ले के साथ काफी सहज भी लगते है। टेस्ट मैच में उनका उच्चतम स्कोर 63 रन है। उन्होंने प्रथम श्रेणी के 64 मैच खेले है और 27.73 की औसत से 2302 रन भी बनाए है। उन्होंने 128 रन बनाकर एक शतक भी जड़ा है। #9 जयंत यादव जैसा की अब हम जान चुके है कि हरियाणा का ये ऑफ स्पिनर बल्ला अच्छी तरह घुमा लेता है। तीन मैच पहले ही टेस्ट क्रिकेट में अपना कदम रखने के साथ ही इसने आने वाले समय में एक उपयोगी ऑल राउंडर बनने की क्षमता दिखा दी है। मोहाली में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मैच में जयंत ने 55 रन बनाए और रविन्द्र जडेजा के साथ मिलकर भारतीय पारी को मजबूत स्थिति में खड़ा किया। प्रथम श्रेणी स्तर पर जयंत ने एक दोहरा शतक(211) लगाया है और साथ ही 44 मैचों में 29.21 के औसत से 1665 रन भी बनाए है। जैसी वह बल्लेबाजी कर रहे है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि वो दिन दूर नहीं जब वो जल्द ही अपना अंतर्राष्ट्रीय शतक भी जमाए। #8 रविन्द्र जडेजा टीम इंडिया के लेग स्पिनर रवींद्र जडेजा यू्ं तो ऑलराउंडर कहे जाते है लेकिन अपनी बल्लेबाजी प्रतिभा के साथ अब तक न्याय नहीं कर सके हैं । एक स्पिनर के तौर पर जडेजा को बेहद 'शातिर' माना जाता है। गुजरात के इस गेंदबाज का लाइन-लेंथ पर गजब का नियंत्रण है यही कारण है कि जब बल्लेबाज उनके खिलाफ जरा भी चांस लेने की कोशिश करता है, जडेजा उसकी 'डिफेंस' को तोड़ने में कामयाब हो जाते हैं। सौराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने वाला यह खिलाड़ी अब तक घरेलू क्रिकेट में तीन तिहरे शतक बना चुका है । जडेजा ने अब तक 23 टेस्ट में 25.73 के औसत से 772 रन बनाए हैं जिसमें 90 उनका सर्वोच्च स्कोर है। यह स्कोर भी उन्होंने मोहाली में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में बनाया था।
#7 पार्थिव पटेल
आठ साल के बाद टेस्ट क्रिकेट में नज़र आ रहे पार्थिव पटेल की किस्मत फिलहाल उनका साथ देते नज़र आ रही है । ऋद्धिमान साहा अब भी अपनी चोट से पूरी तरह उबर नहीं पाए हैं इसलिए मुंबई टेस्ट के लिए भी पार्थिव टीम का हिस्सा बने हुए है। वहीं पार्थिव पटेल ने मोहाली टेस्ट में बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया था। पार्थिव ने पहली पारी में 42 और दूसरी में 67 रन बनाए थे । वहीं दूसरी पारी के रन सिर्फ 54 गेंदों में उन्होंने बनाए थे । किस्मत की बात यह है पार्थिव ने अपने टेस्ट करियर का पहला मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेला । घरेलु क्रिकेट में पार्थिव 206 रन के बेस्ट स्कोर के साथ 24 प्रथम श्रेणी शतक बना चुके है।
#1 विराट कोहली (कप्तान)
भारतीय टीम के कप्तान की तो जितनी तारीफ़ की जाये उतनी कम है। इनकी बल्लेबाजी देखना एक सौभाग्य की बात है और अपने आप को भाग्यशाली महसूस करेंगे कि आपने कोहली को भारत के लिए कुछ बेहतरीन पारी खेलते हुए देखा है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कोहली के नाम 10000 से ज्यादा रन हैं और हर फॉर्मेट में उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। दिल्ली के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने वाले कोहली का भारतीय कप्तान बनने तक का सफ़र सभी के लिए प्रेरणा है। कोहली ने टेस्ट में 15 और एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय में 26 शतक लगाये हैं। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनके नाम कुल मिलाकर 21 शतक हैं। लेखक: चित्रा सिंह, पब्लिश: निशांत द्रविड़