इंडियन प्रीमीयर लीग (IPL) भले ही बीसीसीआई और खिलाड़ियों की तिजोरी भरने का काम कर रहा हो, लेकिन इस टूर्नामेंट पर गाहे बगाहे सवाल भी उठते रहे हैं। हालांकि इसमें कोई शक नहीं है कि आईपीएल युवा खिलाड़ियों के लिए शानदार मंच भी है जहां वह अंतर्राष्ट्रीय सितारों के साथ खेलते हुए बहुत कुछ सीखते भी हैं। चयनकर्ताओं की भी नज़र इस टूर्नामेंट पर रहती है, राष्ट्रीय टीम में आने का आईपीएल को शॉर्टकट ज़रिया भी कहा जाता है। आईपीएल में खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ़्रीका जैसे देश भी नज़र रखते हैं। हाल ही में तबरेज़ शम्सी को प्रोटियाज़ टीम में जगह आईपीएल के प्रदर्शन पर ही मिली थी। इसके बावजूद ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ ग्लेन मैक्ग्रॉ मानते हैं कि आईपीएल और बिग बैश जैसे टी20 लीग की वजह से क्रिकेटर बर्बाद हो रहे हैं। जहां खिलाड़ी बेहद आसानी से मालामाल हो जाते हैं। ''मुझे लगता है पैसा हमेशा बाद में आना चाहिए, अच्छी बात है कि क्रिकेटर अच्छा पैसा कमा रहे हैं। लेकिन सबसे ज़रूरी है कि आप अपने प्रदर्शन पर ध्यान दें और ख़ुद को फ़िट रखें। उसके बाद आपके लिए पैसा मायने रखता है। मुझे लगता है कि युवा खिलाड़ियों की सोच इस तरह होनी चाहिए क्योंकि आपके लिए पहले देश है फिर कुछ और।" : ग्लेन मैकग्रा ऑस्ट्रेलिया के इस तेज़ गेंदबाज़ ने सिर्फ़ आईपीएल को ही आड़े हाथो नहीं लिया, बल्कि आईपीएल की तर्ज़ पर ऑस्ट्रेलिया की टी20 लीग बिग बैश को भी इसके लिए ज़िम्मेवार बताया। ज़ाहिर तौर पर कई बार ऐसा देखा गया है कि खिलाड़ी आईपीएल या बिग बैश लीग जैसे टूर्नामेंट में खेलने के लिए अपनी चोट छुपाते हैं और फिर उनके करियर पर भी प्रश्न चिन्ह लग जाता है। क्रिकेट के सबसे छोटे फ़ॉर्मेट में खेलने के लिए लसिथ मलिंगा ने तो टेस्ट क्रिकेट से संन्यास तक ले लिया है। आज खिलाड़ियों के लिए मानो पैसा ही सर्वोच्च हो गया है।