भारत के पहले फील्डिंग स्टार: एकनाथ सोलकर

download

1970 के दशक में भारत की स्पिन चौकड़ी अपने चरम पर थी। बिशन सिंह बेदी, इरापल्ली प्रसन्ना, भगवत चंद्रशेखर और एस. वेंकटराघवन की धारदार गेंदबाज़ी दुनिया भर के टॉप बल्लेबाज़ो के लिए मुश्किल का सबब बने हुई थी। उसी समय सुनील गावस्कर और गुंडप्पा विश्वनाथ जैसे युवा भारतीय बल्लेबाज़ भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक नए युग के आगाज की घोषणा कर रहे थे। 1971, भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष था। ये वह साल था जब भारत ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज़ को उन्ही के घर में पटखनी दी थी। इन दो ऐतिहासिक जीतो में भारतीय स्पिन गेंदबाज़ी ने तो अहम भूमिका निभाई ही थी, लेकिन इसके अलावा जिस खिलाड़ी ने विपक्षी खेमे में सबसे ज्यादा खलबली मचाई, वह थे ऑलराउंडर एकनाथ सोलकर। सोलकर भारत के पहले फील्डिंग स्टार थे। जिस समय भारतीय टीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वेस्ट इंडीज़ और इंग्लैंड के प्रभुत्व का अंत करने की जद्दोजहद में लगी हुई थी, उस समय एकनाथ सोलकर ने भारतीय क्रिकेट के लिए संजीवनी बूटी का काम किया। एकनाथ सोलकर, सर गैरी सोबर्स की तरह एक कम्पलीट ऑलराउंडर थे। एक शानदार बल्लेबाज़ होने के साथ वह एक बेहतरीन गेंदबाज़ भी थे, वे अव्वल दर्जे के बाएं हाथ के स्पिनर थे, लेकिन बेदी के रहते उन्हें स्पिन गेंदबाज़ी का मौका नहीं मिला और उन्होंने अपने करियर में सारे विकेट मध्यमगति के गेंदबाज़ के रूप में ही लिए। क्रिकेट आमतौर पर बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ का खेल माना जाता हैं लेकिन जोंटी रोड्स और एकनाथ सोलकर ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जो अपने क्षेत्ररक्षण के लिए सुर्खियों में आए। इन खिलाड़ियों ने फील्डिंग को एक नया आयाम दिया। जोंटी रोड्स प्वाइंट पर अपनी करिश्माई फील्डिंग के लिए विख्यात थे, वहीं सोलकर ने शॉर्ट लेग की पोजीशन को अपनी विशेषता बनाई।105732 सोलकर की प्रतिभा इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि उस दौर में हेल्मेट और गार्ड वगैरह कुछ नहीं होता था। सिली प्वाइंट और शॉर्ट लेग पर खड़े खिलाड़ी की हिम्मत ही उसका सहारा होती थी। सोलकर की अविश्वसनीय फील्डिंग से बल्लेबाज़ हमेशा कौफ खाते थे और पिच के पास उनकी मौजूदगी भर ही बल्लेबाज़ की लय बिगाड़ने के लिए काफी थी। 1971 के इंग्लैंड दौरे में सोलकर के प्रदर्शन ने सबको बहुत प्रभावित किया और ओवल टेस्ट मैच में उनके द्वारा लिया गया एलन नॉट का कैच अभी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लिए गए सर्वश्रेष्ठ कैचों की श्रेणी में गिना जाता है। उस दौरे पर उनका प्रदर्शन इतना दर्शनीय था कि भारत की ऐतिहासिक जीत के बाद एक पत्रिका ने विशेषांक निकाला। सोलकर के कैचों की तस्वीरों को दो पन्नों के ऊपरी हिस्से में विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया। सोलकर एक गरीब परिवार से थे। उनके पिता मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम पर मामूली ग्राउंड्समैन थे। उनके भाई भी भारत में फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेले। सोलकर का करियर बहुत लांबा नहीं चला, वह थोड़े समय के लिए इंग्लैंड के काउंटी क्लब ससेक्स के लिए भी खेले जहां उनके खेल को खूब सराहा गया। क्रिकेट को हमेशा से बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ के बीच की जद्दोजहद के रूप में ही देखा गया है लेकिन सोलकर जैसे कुछ खिलाड़ी हैं जिन्होंने इस खेल में अपनी एक अलग पहचान बनाई। शायद चैंपियंस इसीलिए ख़ास होते हैं, वो आपका चीजों को देखने का नज़रिया बदल देते हैं।

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
WWE
WWE
NBA
NBA
NFL
NFL
MMA
MMA
Tennis
Tennis
NHL
NHL
Golf
Golf
MLB
MLB
Soccer
Soccer
F1
F1
WNBA
WNBA
More
More
bell-icon Manage notifications