आईपीएल पूरी दुनिया में सबसे मशहूर टी-20 क्रिकेट लीग है। ये टूर्नामेंट गर्मियों के महीनों में भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को नई ताज़गी देता है। आईपीएल के दौरान क्रिकेट के चाहने वालों का रोमांच चरम पर होता है। कई युवा खिलाड़ी इस टूर्नामेंट के ज़रिए अपने हुनर को दुनिया के सामने लाते हैं। हर साल बीसीसीआई उन युवा हुनरमंद खिलाड़ियों को अवॉर्ड से सम्मानित करता है जो भविष्य के उभरते सितारे होते हैं। बीसीसीआई उन्हें ‘इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ द ईयर’ का अवॉर्ड देता है। ये अवॉर्ड कई नाम से जाना जाता रहा है, जैसे साल 2008 में ‘बेस्ट अंडर-19 प्लेयर’, साल 2009 और 2010 में ‘बेस्ट अंडर-23 सक्सेस ऑफ़ द टूर्नामेंट’, साल 2012 में ‘राइज़िंग स्टार ऑफ़ द ईयर’, साल 2013 में ‘बेस्ट यंग प्लेयर ऑफ़ द ईयर’। साल 2014 से लेकर अब तक इसे ‘इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ द ईयर’ अवॉर्ड के नाम से जाना जाता रहा है। यहां हम उन खिलाड़ियो के बारे में बताएंगे जिन्हें ये अवॉर्ड दिया गया है।
2008: श्रीवत्स गोस्वामी (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर)
आईपीएल का पहला साल कई खिलाड़ियों को फ़र्श से अर्श तक पहुंचा दिया था। साल 2008 में बंगाल में जन्मे विकेटकीपर श्रीवत्स गोस्वामी को आरसीबी टीम ने ख़रीदा था। उनको चार मैच में खेलने के मौका मिला था। दिल्ली डेयरडेविल्स के ख़िलाफ़ गोस्वामी ने 52 रन की पारी खेली थी जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ़ द मैच का अवॉर्ड दिया गया था। साल 2018 की नीलामी में उन्हें सनराइज़र्स हैदराबाद टीम ने ख़रीदा है।
2009: रोहित शर्मा (डेक्कन चार्जर्स)
साल 2009 रोहित शर्मा के लिए काफ़ी शानदार रहा है। उनकी मौजूदगी में डेक्कन चार्जर्स टीम ने आईपीएल का दूसरा सीज़न जीता था। 2009 के आईपीएल सीज़न में डेक्कन चार्जर्स की तरफ़ से रोहित शर्मा ने 16 मैच खेले और 27.84 की औसत 362 रन बनाए। इस सीज़न में उनका सर्वाधिक स्कोर 52 था। उन्हें 2 बार मैन ऑफ़ द मैच अवॉर्ड दिया गया था। रोहित को अकसर ‘हिटमैन’ के नाम से जाना जाता है।
2010: सौरभ तिवारी (मुंबई इंडियंस)
आईपीएल का पहला 2 सीज़न रोहित शर्मा के लिए काफ़ी बुरा रहा था। साल 2010 में ये टीम काफ़ी मज़बूती से उभरी। झारखंड के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ सौरभ तिवारी को इस सीज़न में अपने हुनर को दिखाने का ख़ूब मौक़ा मिला। साल 2010 में मुंबई इंडियंस की तरफ़ से खेलते हुए उन्होंने 135.59 के स्ट्राइक रेट से 419 रन बनाए थे। उनके इस प्रदर्शन की बदौलत साल 2011 में आरसीबी टीम ने उन्हें 1.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर में ख़रीदा था। लेकिन वो आगे अपना कमाल दिखाने में नाकाम रहे। साल 2018 में वो एक बार फ़िर मुंबई टीम में शामिल किए गए हैं।
2011: इक़बाल अब्दुल्लाह (कोलकाता नाइट राइडर्स)
कोलकाता नाइट राइडर्स टीम के फ़ैस की तादात काफ़ी ज़्यादा है, लेकिन आईपीएल के पहले 3 सीज़न में इस टीम का प्रदर्शन काफ़ी बुरा रहा था। साल 2011 में टीम में काफ़ी बदलाव किया गया था। गौतम गंभीर इस टीम के कप्तान बनाए गए थे। गंभीर ने युवा खिलाड़ी इक़बाल अब्दुल्लाह को मौक़ा दिया था। इक़बाल ने 15 मैच में 19.06 की औसत और 6.1 की इकॉनमी रेट से 16 विकेट हासिल किए थे। बाद में वो आरसीबी टीम का भी हिस्सा बने थे लेकिन साल 2018 में उन्हें कोई ख़रीदार नहीं मिला।
2012: मंदीप सिंह (किंग्स-XI पंजाब)
साल 2012 में किंग्स-XI पंजाब टीम ने आईपीएल जीतने के लिए पूरी कोशिश की थी। उस साल 20 साल के मंदीप सिंह को शामिल किया गया था। साल 2012 में मंदीप सिंह ने 16 मैच में 27 की औसत और 126.31 की स्ट्राइक रेट से 432 रन बनाए थे। इसके अलावा उन्होंने 2 अर्धशतक भी लगाए थे जिसके लिए उन्होंने दोनों बार मैन ऑफ़ द मैच अवॉर्ड दिया गया था। साल 2016 में भारत के ज़िम्बाब्वे दौरे पर उन्हें टीम इंडिया में शामिल किया गया था। साल 2018 में वो आरसीबी टीम में खेलते हुए नज़र आएंगे।
2013: संजू सैमसन (राजस्थान रॉयल्स)
संजू सैमसन सबसे हुनरमंद खिलाड़ियों में से एक हैं। केरल के विकेटकीपर बल्लेबाज़ ने साल 2013 में राजस्थान रॉयल्स की तरफ़ से खेला था। राजस्थान रॉयल्स अकसर युवा खिलाड़ियों को मौक़ा देने के लिए जानी जाती है। साल 2013 में संजू ने 11 मैच खेले थे और 206 रन बनाए थे। आरसीबी टीम के ख़िलाफ़ उन्होंने 41 गेंदों में 63 रन बनाए थे। साल 2014 में वो इंग्लैंड दौरे पर टीम इंडिया में शामिल किए गए थे। बाद में वो दिल्ली टीम का भी हिस्सा रहे थे। साल 2018 की नीलामी में संजू सैमसन को राजस्थान रॉयल्स ने 8 करोड़ रुपये में ख़रीदा है।
2014: अक्षर पटेल (किंग्स-XI पंजाब)
साल 2014 में किंग्स इलेवन पंजाब के प्रदर्शन में ज़बरदस्त सुधार देखने को मिला था। उस साल टीम में मैक्सवेल और मिलर जैसे बल्लेबाज़ शामिल थे और टीम ने फ़ाइनल तक का सफ़र तय किया था। लेकिन उस साल अक्षर पटेल के प्रदर्शन को भी भुलाया नहीं जा सकता। अक्षर ने पंजाब की तरफ़ से 17 मैच खेले थे और 6.23 की इकॉनमी रेट से 17 विकेट हासिल किए थे। उनहें साल 2015 के वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया में शामिल किया गया था। वो सीमित ओवर के खेल के लिए टीम इंडिया का अहम हिस्सा है। साल 2018 के आईपीएल सीज़न के लिए पंजाब टीम ने उन्हे रिटेन किया है।
2015: श्रेयष अय्यर (दिल्ली डेयरडेविल्स)
साल 2014 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में श्रेयष अय्यर टीम इंडिया का हिस्सा थे। साल 2015 में उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स टीम ने ख़रीदा था। दिल्ली के लिए खेले गए 14 मैन में उन्होंने 33.76 की औसत और 128 के स्ट्राइक रेट से 439 रन बनाए थे। इस दौरान उन्होंने 4 अर्धशतक लगाए थे। मुंबई के ख़िलाफ़ उन्होंने 56 गेंदों में 83 रन की पारी खेली थी। आज वो सीमित ओवर के लिए टीम इंडिया का हिस्सा है।
2016: मुस्तफ़िज़ुर रहमान (सनराइज़र्स हैदराबाद)
बांग्लादेश के मुस्तफ़िज़ुर रहमान को अकसर ‘फ़िज़’ नाम से जाना जाता है। बल्लेबाज़ों के लिए उनकी बॉलिंग का कोई जवाब नहीं होता है। वो इस लिस्ट में एकलौते विदेशी खिलाड़ी हैं। साल 2016 में उनकी मौजूदगी में सनराइज़र्स हैदराबाद ने आईपीएल का ख़िताब जीता था। उस साल उन्होंने 16 मैच में 24.76 की औसत 6.9 की इकॉनमी रेट से 17 विकेट हासिल किए थे। अंतराराष्ट्रीय क्रिकेट में भी उन्होंने कामयाबी की मिसाल बनाई है। साल 2018 में मुंबई इंडियंस ने उन्हें 2.2 करोड़ रुपये में ख़रीदा है।
2017: बासिल थंपी (गुजरात लॉयंस)
24 साल के केरल के गेंदबाज़ अपनी सटीक गेंदबाज़ी और यॉर्कर गेंद के लिए जाने जाते हैं। साल 2017 के आईपीएल सीज़न में गुजरात लॉयंस की तरफ़ से खेलते हुए उन्होंने 12 मैच में 11 विकेट हासिल किए थे। साल 2017 में उन्हें भारतीय टी-20 टीम में शामिल किया गया था, लेकिन उन्हें प्लेइंग इलेवन में मौक़ा नहीं मिल पाया। साल 2018 की नीलामी के दौरान थंपी को सनराइज़र्स हैदराबाद टीम ने 95 लाख रुपये में ख़रीदा था। लेखक- कुशाग्रा अग्रवाल अनुवादक- शारिक़ुल होदा