क्रिकेट अब सीमित समय और गेंदों का खेल बन चुका है और नए प्रारूपों की मांग के अनुसार, एक बल्लेबाज़ की भूमिका अधिक महत्व रखने लगी है, तभी तो निचले क्रम के बल्लेबाज़ जिनका पेशा गेंदबाज़ी है, बल्ला घुमाने से बिल्कुल भी नहीं कतराते। हालांकि, इसका फायदा ये हुआ कि टीम की बल्लेबाज़ी को गहराई मिलने लगी। हर प्रारूप में सभी टीमों की यही कोशिश होती है कि उनके ज्यादातर निचले क्रम के खिलाड़ी बल्लेबाजी में भी योगदान दे सकें। भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के लिए भी पिछले एक साल में उनके निचले क्रम के बल्लेबाजों ने बहुत ही अहम रोल निभाया है और इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज (ENG vs IND) में भी निचले क्रम के बल्लेबाजों ने अहम भूमिका निभाई है।
टेस्ट मैचों में हमने अक्सर देखा है कि कई बार निचले क्रम के बल्लेबाजों ने अपनी टीम के लिए डटकर बल्लेबाजी करते हुए रोमांचक जीत दिलाई। विदेशों में निचले क्रम के बल्लेबाजों का योगदान और भी अहम हो जाता है। एक टेस्ट मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक लगाना काफी मुश्किल काम होता है और जब यह काम कोई निचले क्रम का बल्लेबाज करता है तो और भी खास होता है। इस आर्टिकल में हम उन 2 भारतीय खिलाड़ियों का जिक्र करने जा रहे हैं जिन्होंने इंग्लैंड में टेस्ट मैच की दोनों पारियों में 50+ का स्कोर बनाया है।
#1 भुवनेश्वर कुमार, नॉटिंघम टेस्ट (2014)
भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar Kumar) भारतीय क्रिकेट टीम में एक दाहिने हाथ के मध्यम-तेज़ गेंदबाज़ की भूमिका निभाते हैं। उनकी हवा में लहराती गेंदे, विरोधी टीम के बल्लेबाज़ों को गलती करने पर मजबूर कर देती हैं। हालांकि बल्ले के साथ भी भुवनेश्वर ने कई बार अपनी काबिलियत को साबित किया है। इस गेंदबाज़ ने 2014 में इंग्लैंड खेली गयी टेस्ट श्रृंखला के पहले मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक लगाकर बल्ले के साथ अहम योगदान दिया। उन्होंने नॉटिंघम टेस्ट में भारत की पहली पारी में 58 और दूसरी पारी में नाबाद 63 रन बनाए। उन्होंने इस मैच में इंग्लैंड की एकमात्र पारी में 5 विकेट भी चटकाए थे।
#2 शार्दुल ठाकुर, ओवल टेस्ट (2021)
शार्दुल ठाकुर ने अपने छोटे से टेस्ट करियर में गेंद से ज्यादा बल्लेबाजी में ज्यादा अहम रोल निभाया है। इस साल ऑस्ट्रेलिया में भी उन्होंने शानदार अर्धशतकीय पारी खेली थी। शार्दुल ने एक बार फिर बल्ले के साथ अपना जलवा बिखेरा और इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे चौथे टेस्ट की दोनों पारियों में अर्धशतक जड़ा। शार्दुल ने पहली पारी में 57 और दूसरी पारी में 60 रन बड़े ही आक्रामक अंदाज़ से बनाए। इनके बल्ले से योगदान को देखते हुए कई दिग्गजों ने शार्दुल को टेस्ट में ऑलराउंडर के रूप में नियमित रूप से खिलाने की सलाह दी।