किसी भी टीम के लिए अच्छे सलामी बल्लेबाज़ों का होना बेहद अहम होता है। सलामी बल्लेबाज टीम के लिए अच्छे स्कोर की नींव रखते हैं और टीम की हार या जीत काफी हद तक सलामी बल्लेबाज़ों के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। इंग्लैंड टीम में हमेशा तकनीकी रूप से सक्षम और शानदार सलामी बल्लेबाज़ रहे हैं। वर्तमान में, एलेस्टेयर कुक टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले सलामी बल्लेबाज़ हैं और उन्होंने अपनी 282 पारियों में 45.66 की औसत से शानदार 12,145 रन बनाए हैं। हालांकि, वर्ष 2012 में एंड्रयू स्ट्रॉस के संन्यास के बाद इंग्लैंड एक अदद सलामी बल्लेबाज़ की कमी से जूझ रहा है। कुक के पिछले 6 वर्षों में 12 साझेदार रहे लेकिन ऐसा लगता है शायद कोई भी एंड्रयू स्ट्रॉस की जगह नहीं ले सकता। तो आइये इस लेख में हम उन 12 सलामी बल्लेबाज़ों पर एक नज़र डालें जो स्ट्रॉस के टीम से जाने के बाद एलेस्टेयर कुक के साझेदार रहे है।
निक कॉम्प्टन
2012 के कठिन भारत दौरे में मेहमान टीम ने विजय प्राप्त की थी। उस दौरे में युवा खिलाड़ी निक कॉम्प्टन अपने कप्तान एलेस्टेयर कुक की उम्मीदों पर खरे उतरे और दोनों ने सलामी जोड़ी के रूप में टीम को अच्छी शुरुआत दी। कुक और कॉम्प्टन ने पहले टेस्ट की दूसरी पारी में 123 रन जोड़े, हालांकि, भारत ने यह मैच जीता था। लेकिन मुंबई में खेले गए दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड विजयी हुआ था। उस मैच में कुक और कॉम्प्टन ने क्रमशः 66 और 58 * बनाकर टीम को मजबूत शुरुआत दी थी। इसके बाद कोलकाता में हुए तीसरे टेस्ट में दोनों ने पहली विकेट के लिए 165 जोड़कर अपनी टीम को मैच और सीरीज़ में जीत दिलाई थी। कॉम्प्टन ने अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया और ऐसा लग रहा था कि इंग्लैंड ने स्ट्रॉस का विकल्प ढूंढ लिया है। लेकिन न्यूज़ीलैंड के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज़ में वह अपने फॉर्म को बरकरार नहीं रख सके और अंततः उन्हें टीम से बाहर बैठना पड़ा। 2017 में कॉम्प्टन ने इंग्लैंड टीम में वापसी की और 6 टेस्ट खेले। हालांकि, उन्होंने अपनी 11 पारियों में केवल 296 रन बनाए, नतीजतन उन्हें टीम से फिर से बाहर कर दिया गया। उसके बाद से वह टीम में वापसी नहीं कर पाए हैं।
जो रूट
2013 की एशेज सीरीज़ में रुट को सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर पद्दोनत किया गया था। 5 टेस्ट मैचों में, रूट ने 37.66 के औसत से 339 रन बनाए और लॉर्ड्स में बनाए 180 रन उनका सर्वाधिक स्कोर रहा। लेकिन उसके बाद की टेस्ट सीरीज़ में अपनी 10 पारियों में कुक और रूट ने सिर्फ 68 रनों का उच्चतम स्कोर बनाया और टीम प्रबंधन को एहसास हुआ कि रूट को सलामी बल्लेबाज के बजाय मध्य क्रम के बल्लेबाज के रूप में इस्तेमाल करना ही ठीक है। सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी 11 पारियों में, मौजूदा इंग्लैंड टेस्ट कप्तान का औसत 41.70 था जो 52.28 के उनके करियर औसत से कम था। रूट वर्तमान में टेस्ट क्रिकेट में नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हैं और अब वह मध्य-क्रम के दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं।
माइकल कैरबेरी
माइकल कैरबेरी ने वर्ष 2009 में बांग्लादेश के खिलाफ इंग्लैंड के लिए अपना पहला टेस्ट खेला था। सलामी बल्लेबाज के रूप में उन्हें ऑस्ट्रेलिया में हुई एशेज सीरीज़ में कुक के साथ शीर्ष क्रम पर बल्लेबाज़ी करने के लिए भेजा गया था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों में माइकल कैरबेरी ने 28.1 की औसत से 281 रन बनाए और केवल 1 अर्धशतक लगाया था। उस सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 5-0 के अंतर से हराकर सीरीज़ पर कब्ज़ा किया था। कैरबेरी और कुक सिर्फ पर्थ में अपनी उच्चतम सांझेदारी (85) कर सके और दोनों ने सिर्फ 2 मौकों पर 50 से अधिक की साझेदारी की।
सैम रॉबसन
2014 में रॉबसन ने 2 मैचों की टेस्ट श्रृंखला में श्रीलंका के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की। श्रीलंका के खिलाफ 4 पारियों में, उन्होंने 127.75 के स्ट्राइक रेट और 42.75 की औसत के साथ रन बनाए थे। 2014 में भारत के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में उन्होंने कुक के साथ पारी की शुरुआत की। यही टेस्ट सीरीज़ उनके टीम से बाहर होने का कारण बनी। भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ की 7 पारियों में, रॉबसन ने 23.57 की औसत से केवल 165 रन बनाए। अपने टेस्ट करियर में सलामी बल्लेबाज के रूप में उन्होंने अपनी 11 पारियों में, 30.55 की औसत से केवल 336 रन बनाए। रॉबसन ने भारत के खिलाफ 2014 में हुई टेस्ट सीरीज़ के बाद इंग्लैंड के लिए कोई टेस्ट नहीं खेला है।
जोनाथन ट्रॉट
जोनाथन ट्रॉट इंग्लैंड के मध्य क्रम के विश्वसनीय बल्लेबाज रहे हैं और उन्होंने अपनी टीम के लिए नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए ढेरों रन बनाए हैं। टेस्ट में इंग्लैंड के लिए नंबर 3 पर बल्लेबाज़ी करते हुए अपनी 73 पारियों में, ट्रॉट ने 7 शतक और 15 अर्धशतक के साथ 47.72 की औसत से शानदार 3109 रन बनाए हैं। इंग्लैंड टीम प्रबंधन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2015 में हुई टेस्ट सीरीज़ में ट्रॉट को सलामी बल्लेबाज़ी की हैसियत से पद्दोनत किया था लेकिन ट्रॉट सलामी बल्लेबाज़ के रूप में सफल नहीं हो सके। वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी 6 पारियों में उन्होंने 12 की औसत से केवल 72 रन बनाए।
एडम लिथ
2015 की गर्मियों में इंग्लैंड के लिए अपना पहला टेस्ट मैच खेलने वाले एडम लिथ ने एक सलामी बल्लेबाज़ के रूप में अच्छी शुरुआत की थी। लिथ ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 2 मैचों की टेस्ट सीरीज़ में 37. 50 की औसत से 150 रन बनाए थे। इस प्रदर्शन के कारण उन्हें 2015 में हुई एशेज श्रृंखला में सलामी बल्लेबाज के तौर पर टीम में शामिल किया गया। हालांकि, 2015 एशेज श्रृंखला में बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अपनी 9 पारियों में 12.78 की औसत से केवल 115 रन बना सकते थे। इस प्रदर्शन के बाद उन्हें इंग्लैंड टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
मोइन अली
इंग्लैंड ने 2015 में संयुक्त अरब अमीरात में पाकिस्तान के खिलाफ 3 टेस्ट मैचों की सीरीज़ के लिए सलामी बल्लेबाज़ के लिए मोइन अली को टीम में शामिल किया था। कुक के पिछले 6 सांझेदारों की तरह ही मोइन अली का भी भाग्य ने साथ नहीं दिया और अपनी 6 पारियों में वह 14 की औसत से केवल 84 रन ही बना सके। अली अब इंग्लैंड के मध्य-क्रम के बल्लेबाज हैं, जिन्होंने अपनी 85 टेस्ट पारियों में 32.40 की औसत से रन बनाए हैं और उनके नाम 5 टेस्ट शतक दर्ज हैं।
एलेक्स हेल्स
2015 के अंत तक, एलेक्स हेल्स ने इंग्लैंड के लिए वनडे प्रारूप में शानदार प्रदर्शन किया, जिसके परिणाम में उन्हें टेस्ट टीम में जगह मिली। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 4 मैचों की टेस्ट श्रृंखला में हेल्स खराब फॉर्म से जूझते नज़र आए। अपनी 8 पारियों में उन्होंने 10, 26, 60, 5, 1, 18, 15 और 1 स्कोर बनाए। इसके बाद उन्हें 2016 में पाकिस्तान के खिलाफ 3 मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलने के लिए टीम में चुना गया था। लेकिन इस सीरीज़ में भी उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। हेल्स ने 18.13 के औसत से अपनी 8 पारियों में 6, 16, 10, 24, 17, 54, 6 और 12 स्कोर बनाए, जिसके बाद चयनकर्ताओं का विश्वास उनपर से उठ गया। तब से उन्होंने इंग्लैंड के लिए एक भी टेस्ट नहीं खेला है।
बेन डकेट
इंग्लैंड को अक्टूबर 2016 में बांग्लादेश दौरे के लिए कुक के साथ दूसरे सांझेदार की ज़रूरत थी जो स्पिन को अच्छी तरह से खेल सकता हो। ऐसे में बेन डकेट को पहली बार टेस्ट में सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर टीम में शामिल किया गया। लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से सब को निराश किया। अपनी 4 पारियों में उन्होंने 14, 15, 7 और 56 का स्कोर बनाया और ऐसा प्रदर्शन चयनकर्ताओं के लिए भारत के खिलाफ अगली सीरीज़ में डकेट को मध्यम क्रम में धकेलने के लिए काफी था। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट 2016 में भारत के खिलाफ खेला था। डुकेट ने अपने टेस्ट करियर में 7 पारियों में केवल 15.71 की औसत से रन बनाए जो उनको टीम से बाहर किये जाने का कारण बना।
कीटन जेनिंग्स
कीटन जेनिंग्स ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत भारत के खिलाफ सीरीज़ से की थी। अपनी 4 पारियों में उन्होंने 112, 0, 1 और 54 रन बनाए थे। टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहली 4 पारियों में शतक और अर्धशतक के साथ 41.75 की औसत से रन बनाने वाले इस बल्लेबाज़ को 2017 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में भी टीम में चुना गया। लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जेनिंग्स अपना पिछला प्रदर्शन नहीं दोहरा पाए। उन्होंने अपनी 8 पारियों में 8, 33, 0, 3, 0, 48, 17 और 18 स्कोर बनाए। अपनी 8 पारियों में उन्होंने महज़ 15.88 की औसत से रन बनाए। जेनिंग्स ने अब तक अपनी 13 टेस्ट पारियों में 24.85 की औसत से 323 रन बनाए हैं। इसकी पूरी संभावना है कि जेनिंग्स भारत के खिलाफ 1 अगस्त से शुरू हो रही टेस्ट श्रृंखला में कुक के साथ पारी की शुरुआत करेंगे।
मार्क स्टोनमैन
मार्क स्टोनमैन वर्ष 2012 से कुक के साथी सलामी बल्लेबाज़ थे। उस समय स्टोनमैन ने इंग्लैंड के लिए अपने करियर की शुरुआत की थी। वेस्टइंडीज के खिलाफ सलामी बल्लेबाज के रूप में 5 पारियों में, स्टोनेमैन ने 30 की औसत से 120 रन बनाए। उन्हें ऑस्ट्रेलिया खिलाफ 2017 में हुई एशेज सीरीज़ में सलामी बल्लेबाज के रूप में चुना गया जहां उन्होंने अपनी 9 पारियों में 2 अर्धशतकों के 25. 78 की औसत से 232 रन बनाए थे। उन्हें 2018 में पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट के बाद बाहर का रास्ता दिखा दिया जब उन्होंने अपनी 2 पारियों में 13 रन बनाए थे। 11 टेस्ट और 20 पारियों के करियर में स्टोनेमैन का बल्लेबाज़ी औसत 27.68 रहा है। लेखक: मीत संपत अनुवादक: आशीष कुमार