जब भी भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर जाती है सभी क्रिकेट के जानकर और प्रेमियों को उम्मीद रहती है कि दोनों ही टीमों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी और ऐसा होता भी है। विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया एक बार फिर इंग्लैंड के दौरे पर पहुंच चुकी है और वहां की पिच टीम की परीक्षा लेने को तैयार है,जहां पहले टी20 में तो भारत ने पूरी तरह से अंग्रेज़ों का कचूमर निकाल दिया। अब देखने वाली बात होगी कि कौन सी टीम दौरा खत्म होने के बाद सामने वाली टीम पर भारी पड़ती है। इंग्लैंड की टेस्टिंग कंडीशन में भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने कई यादगार प्रदर्शन किए हैं और इससे प्रेरणा लेकर कोहली सेना इस बार इंग्लैंड फतह के इरादे से उतरेगी। इंग्लैंड में बल्लेबाजों के सामने सबसे बड़ी चुनौती रहती है साझेदारी बनाना क्योंकि यहाँ की पिच हर वक्त बल्लेबाजों का इम्तिहान लेती है। अपने पार्टनर के साथ लम्बे समय तक पिच पर टिकना हर बल्लेबाजों के लिए चुनौती रहती है और गलती की सम्भावना भी काफी कम रहती है। इसके बावजूद भारतीय बल्लेबाजों ने कई यादगार साझेदारियां बनाई है। एक नज़र डाल लेते हैं भारतीय बल्लेबाजों द्वारा इंग्लैंड में बनाई गयी 5 सबसे बड़ी साझेदारियों पर:
#5 वीनू मांकड़ और विजय हजारे- 211 रन
आजादी के बाद 1952 में पहली बार भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर गई। इस दौरे पर खेले 4 टेस्ट मैचों में टीम को 3 मैचों में हार झेलनी पड़ी वहीं एक मुकाबला ड्रा रहा। इसके बावजूद टीम इस दौरे पर मेजबान टीम को टक्कर देने में सफल रही। इसी सीरीज के दूसरे मैच में लॉर्ड्स के मैदान पर पहली दो पारियों के बाद भारतीय टीम 302 रनों से पिछड़ रही थी और टीम पर पारी की हार का खतरा मंडरा रहा था। इसी समय पिच पर वीनू मांकड़ और विजय हजारे की जोड़ी जम गयी और उन्होंने पारी को संभाल लिया। दोनों ही बल्लेबाजों ने पहली पारी में भी अर्धशतकीय पारियां खेली थी। मांकड़ ने 184 रनों की शानदार पारी खेली वहीं हजारे ने 49 रन बनाकर बखूबी उनका साथ निभाया और दोनों ने मिलकर 211 रनों की साझेदारी बनाई। उनकी इन पारियों की बदौलत इंग्लिश टीम को जीत हासिल करने के लिए दोबारा बल्लेबाजी करनी पड़ी।
#4 सुनील गावस्कर और चेतन चौहान- 213 रन
1979 में ओवल में खेला गया टेस्ट मैच दोनों ही टीमों के बीच खेले गए यादगार मैचों में से एक है। इस मैच में सुनील गावस्कर की पारी की बदौलत टीम चौथी पारी में 438 रनों का लक्ष्य हासिल ही करने वाली थी लेकिन जब भारतीय टीम का स्कोर 429/8 था तभी मैच खत्म करना पड़ा। इसके कारण टीम इंडिया ऐतिहासिक जीत हासिल करने से चूक गई। चौथी पारी में टीम के सलामी बल्लेबाज गावस्कर और चौहान की जोड़ी ने 213 रनों की साझेदारी निभाई और पहला विकेट हासिल करने के लिए इंग्लैंड के गेंदबाजों को लम्बा इंतजार करना पड़ा। एक समय तो ऐसा लग रहा था कि मेहमान टीम जीत हासिल कर ही लेगी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। हालांकि, चेतन चौहान को बॉब विल्लिस ने 80 के स्कोर पर आउट कर दिया लेकिन गावस्कर ने 443 गेंदों पर 221 यादगार पारी खेली और 6 घंटे से ज्यादा पिच पर टिके रहे।
#3 विजय मांजरेकर और विजय हजारे- 222 रन
1952 में विजय हजारे की अगुवाई में इंग्लैंड गयी टीम इंडिया पहले ही मैच की शुरुआत में बैकफुट पर चली गयी थी और टीम का स्कोर 42/3 हो गया था। ऐसा लगने लगा था कि टीम इंडिया इंग्लैंड को टक्कर नहीं दे पाएगी लेकिन कप्तान के इरादे कुछ और थे। भारतीय कप्तान ने विजय मांजरेकर के साथ मिलकर 222 रनों की साझेदारी बनाई और मेजबान टीम को टक्कर देने की कोशिश की। मांजरेकर ने जहाँ 133 रनों की पारी खेली वहीं कप्तान हजारे में 89 रन बनाये। उनकी इन पारियों की बदौलत टीम इंडिया 293 रन बनाने में सफल रही।
#2 सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली- 249
किसे याद नहीं है ये टेस्ट मैच? टीम इंडिया ने हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड पर मेजबान टीम को पारी और 46 रनों से हराया था। यह अभी तक इंग्लैंड में टीम इंडिया की सबसे बड़ी जीत भी है। बात 2002 में हुई सीरीज की है, जब सौरव गांगुली की कप्तानी में एक नई और मजबूत टीम तैयार हो रही थी। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए मेहमान टीम ने 628 रनों का विशाल स्कोर बना। इस पारी में भारत की तरफ से राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली ने शतकीय पारियां खेली। सचिन तेंदुलकर ने 193 रनों की पारी खेली वहीं कप्तान गांगुली ने 167 गेंदों पर 128 रन बनाएं और दोनों ने मिलकर चौथे विकेट के लिए 249 रनों की साझेदारी की, जिसके बदौलत टीम इंडिया ने आसान जीत हासिल की।
#1 सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली- 255 रन
इस जोड़ी ने टेस्ट और वन-डे दोनों में ही टीम को कई बड़ी जीत दिलाई है और यहाँ भी रिकॉर्ड इन्हीं दोनों के नाम दर्ज है। 1996 में अपने डेब्यू सीरीज में सौरव गांगुली ने सभी को प्रभावित किया था और वह सीरीज में इंडिया की तरफ से शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में शामिल थे। अपने करियर के पहले टेस्ट में शतक लगाने के बाद नॉटिंघम में खेले गये दूसरे मैच में भी इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 268 गेंदों में 136 रनों की शानदार पारी खेली। उनके साथ सचिन तेंदुलकर ने भी शतकीय पारी खेली और 177 रन बनाए। चौथे विकेट के लिए इन दोनों बल्लेबाजों ने 255 रन जोड़े और टीम इंडिया ने पहली पारी में 521 रन बना दिए। यह साझेदारी आज भी टेस्ट क्रिकेट में भारत की तरफ से इंग्लैंड में बनाई गयी सबसे बड़ी साझेदारी है। लेखक: रुपिन काले अनुवादक: ऋषिकेश कुमार