भारत और इंग्लैंड क्रिकेट टीम के बीच 3 टी20 और 3 एकदिवसीय मैचों की सीरीज खेली जानी है। दोनों ही टीमों के लिए सीमित ओवरों की यह सीरीज काफी अहम होने वाली है क्योंकि यह सीरीज ही दोनों टीमों की आईसीसी रैंकिंग में उतार-चढ़ाव का कारण बनने वाली है। ऐसे में टीम की जीत में कौनसे पहलू जीत का कारण बन सकते हैं, इस पर भी गौर करने की जरूरत है। आइए यहां बात करते हैं उन पहलूओं पर जिसके चलते इंग्लैंड और भारत में से कोई एक टीम इस सीरीज में जीत का परचम लहरा सकती है।
एक शानदार सलामी साझेदारी
इस सीरीज में सलामी बल्लेबाज बेहद अहम रोल अदा कर सकते हैं। भारतीय टीम के पास सलामी बल्लेबाज के तौर पर शिखर धवन और रोहित शर्मा मौजूद हैं। जब से दोनों खिलाड़ियों ने टीम इंडिया की सलामी बल्लेबाजी की कमान संभाली है तब से ही भारतीय क्रिकेट टीम को एक मजबूत शुरुआत मिली है। वहीं सलामी बल्लेबाज के तौर पर दोनों ही बल्लेबाजों का पिछले मैचों में शानदार प्रदर्शन देखने को मिला है। टीम के दोनों बल्लेबाज मैदान पर टिककर रन स्कोर करने में माहिर हैं और दोनों ही बल्लेबाज टीम के लिए अच्छी साझेदारी का निर्माण कर रहे हैं। ऐसे में इस सीरीज में भी दोनों खिलाड़ियों की साझेदारी पर टीम इंडिया का भविष्य टिका होगा। वहीं दूसरी तरफ इंग्लैंड की टीम में सलामी बल्लेबाज के तौर पर जेसन रॉय और जॉनी बेयरस्टो शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई सीरीज में अपनी बल्लेबाजी से विरोधी गेंदबाजों के छक्के ही छुड़ा दिए। दोनों खिलाड़ी फॉर्म में हैं और टीम को मजबूत शुरुआत देने में कामयाब हो रहे हैं। दोनों खिलाड़ियों के बदौलत ही इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज में खेले गए मैचों में 350 रन से ज्यादा का स्कोर बनाने में सफल हो पाया था। ऐसे में अब दोनों देशों में जिस टीम की सलामी साझेदारी बेहतर होगी, उस टीम के जीत के चांस उतने ही ज्यादा बढ़ जाएंगे।
वनडे में इकॉनोमिकल गेंदबाज
इंग्लैंड और भारत के पास शानदार गेंदबाज मौजदू हैं। ऐसे में इन गेंदबाजों के दम पर स्कोर को कम रखने में मदद मिल सकती है। हाल ही में देखा गया है कि इंग्लैंड की पिचों पर बल्लेबाज आसानी से एकदिवसीय क्रिकेट में 350 का स्कोर भी पार कर ले रहा है। हालांकि भारत के पास मौजूद बुमराह और भुवनेश्वर कुमार के कारण भारत-इंग्लैंड सीरीज में यह स्कोर मुश्किल ही देखा जा सकता है। ऐसे में दोनों टीमों के गेंदबाज भी मैच को जितने में अहम किरदार निभा सकते हैं।
कलाइयों के स्पिनर
वर्तमान क्रिकेट में कलाइयों के स्पिनर का खौफ बढ़ता ही जा रहा है। सीमित ओवरों के क्रिकेट में कलाई के स्पिनर अपने दम पर मैच को एक तरफा करने में कारगर साबित हो रहे हैं। कलाई स्पिनर अपनी फिरकी के जाल में बल्लेबाजों को फंसा कर पैवेलियन की राह आसानी से दिखा रहे हैं। इस लिहाज से भारतीय टीम के पास चाइनामैन कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जोड़ी इंग्लैंड की पिचों पर अपना कमाल दिखा सकती है। दोनों ही स्पिन गेंदबाज फॉर्म में हैं। वहीं इंग्लैंड की टीम में आदिल रशीद जैसा स्पिनर मौजूद है। जो कि अपने घरेलू मैदानों को अच्छे से समझर कर भारत के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है। ऐसे में इंग्लैंड और भारत के बीच सीमित ओवरों की सीरीज में स्पिनरों के बीच होने वाली जंग भी देखने में मजेदार होगी।
भारतीय बल्लेबाज़ों का मध्य क्रम में योगदान
पिछले कुछ मैचों से देखा गया है कि भारतीय टीम की बल्लेबाजी क्रम में टॉप तीन बल्लेबाज टीम के लिए हर मोर्चे पर रन स्कोर कर रहे हैं। शिखर धवन, रोहित शर्मा और विराट कोहली में से एक खिलाड़ी एकदिवसीय क्रिकेट में जरूर 40 ओवरों तक टीम का साथ देता ही है। भारतीय क्रिकेट टीम में जहां टॉप ऑर्डर मजबूत नींव डाल रहा है तो वहीं भारत का मध्य क्रम भी किसी से कम नहीं है। भारतीय टीम के मध्य क्रम में महेंद्र सिंह धोनी जैसा बल्लेबाज फॉर्म है और मैच फिनिशर की भूमिका अदा कर सकता है। इसके अलावा टीम इंडिया के मध्य क्रम में हार्दिक पांड्या जैसा ऑलराउंडर भी मौजूद है जो आतिशी बल्लेबाजी करने के लिए भी मशहूर हैं। पांड्या एक ऐसे बल्लेबाज के तौर अपनी पहचान बना चुके हैं जो मैदान पर आते ही लंबे शॉट खेलना शुरू कर देते हैं। वहीं बाकि बची जगह में दिनेश कार्तिक, सुरेश रैना और केएल राहुल में से टीम इंडिया को बेस्ट दो को चुनना होगा। तीनों ही खिलाड़ी फॉर्म हैं और मध्य क्रम को मजबूती प्रदान कर सकते हैं।
विराट कोहली
बिना किसी शक के विराट कोहली इस सीरीज में अहम योगदान निभा सकते हैं। अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी के दम पर विराट कोहली मैदान में टीम के लिए डटकर रन स्कोर करने में माहिर हैं। वहीं विराट ज्यादातर मौकों पर टीम के लिए मैच विजेता भी साबित होते हैं। इस सीरीज में विराट कोहली भारतीय टीम के लिए एक्स फैक्टर के समान काम कर सकते हैं। बेहतरीन टाइमिंग और शानदार बल्लेबाजी तकनीक के बूते विराट के बल्ले से रनों की बौछार विरोधी टीमों को घुटने टेकने पर मजबूर कर सकती है। लेखक: विग्नेश अनंतसुब्रमण्यम अनुवादक: हिमांशु कोठारी