England vs India: पहले टेस्ट मैच में भारत की हार के 5 कारण

इंग्लैंड ने एजबेस्टन में खेले गए पहले टेस्ट मुकाबले में नंबर 1 टेस्ट टीम भारत को 31 रनों से हराते हुए 5 मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल की। इंग्लैंड ने दूसरी पारी में मुश्किल स्थिति में सैम करन की पारी की बदौलत भारत को 194 रनों का लक्ष्य दिया। इंग्लैंड के पास अच्छे गेंदबाज थे, जिन्होंने शानदार काम करते हुए भारत को 162 रनों समेट दिया और इस मैच को अपने नाम किया। दोनों पारियों में विराट कोहली ने शानदार बल्लेबाजी की और गेंदबाजों ने भी अपना काम अच्छे से किया। आइए नजर डालते हैं पहले टेस्ट मैच में भारत की हार के 5 कारणों पर:

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# दूसरी पारी में निचले क्रम के बल्लेबाजों को खराब गेंदबाजी

पहली पारी में 13 रनों से पिछड़ने के बाद दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाजों ने अच्छी शुरूआत की। रविचंद्रन अश्विन ने इंग्लैंड को शुरूआती झटके दिए, उसके बाद इशांत शर्मा के शानदार स्पैल की बदौलत एक समय इंग्लैंड का स्कोर 7 विकेट के नुकसान पर 87 रन हो गया था। हालांकि इसके बाद सैम करन और आदिल राशिद ने अच्छी साझेदारी करते हुए मैच को भारत की पकड़ से दूर लेकर गए। करन के 63 रनों की बदौलत इंग्लैंड के अंतिम 4 बल्लेबाजों ने 93 जोड़ते हुए टीम को अच्छी स्थिति में पहुंचाया। भारतीय गेंदबाजों ने निचले क्रम के बल्लेबाजों को अच्छी गेंदबाजी नहीं की और वो पूरी तरह से दबाव नहीं डाल पाए। इस हार का दोष फिर भी गेंदबाजों को नहीं दिया जा सकता।

# सैम करन का ऑलराउंड प्रदर्शन

सैम करन के लिए यह एक यादगार मैच रहा। वो पहले दिन आखिरी सेशन में बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने 24 रनों की पारी खेलते हुए टीम को पहले दिन ही ऑलआउट होने से बचाया। इसके बाद गेंद के साथ दो ओवरों में मुरली विजय, शिखर धवन और केएल राहुल को आउट किया। इसके बाद में उन्होंने हार्दिक पांड्या को आउट करते हुए भारत को एक बार फिर बैकफुट पर भेजा। दूसरी पारी में भी करन ने बल्ले के साछ शानदार प्रदर्शऩ किया और 63 रनों की पारी खेलते हुए इंग्लैंड को अच्छी स्थिति में पहुंचाया औऱ उनकी पारी की बदौलत ही इंग्लैंड ने भारत को 194 रनों का लक्ष्य दिया। चौथी पारी में उन्होंने अजिंक्य रहाणे का महत्वपूर्ण विकेट लेते हुए भारतीय टीम के ऊपर दबाव डाला। निश्चित ही वो मैन ऑफ द मैच बनने के योग्य थे।

# पहली पारी में विराट कोहली को दूसरे बल्लेबाजों से समर्थन नहीं मिला

भारत ने पहली पारी में 274 रन बनाए, लेकिन इसमें कप्तान विराट कोहली का योगदान 149 रनों का रहा। विराट जहां बाहर जाती हुई गेंद को अच्छे से छोड़ रहे थे, तो दूसरे बल्लेबाज संयम खोते हुए अपनी विकेट गंवा बैठे। केएल राहुल, शिखर धवन, अजिंक्य रहाणे, दिनेश कार्तिक और मुरली विजय ने कप्तान का साथ नहीं दिया। हार्दिक पांड्या ने दूसरे बल्लेबाजों की तुलना में बेहतर बल्लेबाजी करते हुए विकेट पर टिकने की कोशिश की। कोहली को अगर थोड़ा समर्थन और मिल जाता, तो भारतीय टीम मजबूत स्थिति में पहुंच सकती थी। टीम के अनुभवी बल्लेबाज खराब शॉट खेलते हुए आउट हुए।

जॉनी बैर्स्टो और जो रूट के बीच हुई साझेदारी

इंग्लैंड को मैच के पहले दिन कप्तान जो रूट और जॉनी बैर्स्टो के बीच हुई साझेदारी ने मजबूती दी थी। एलिस्टेयर कुक के आउट होने के बाद रूट बल्लेबाजी करने आए और वो बिल्कुल भी संघर्ष करते हुए नजर नहीं आए। कीटन जेनिंग्स और डेविड मलान के आउट होने के बाद भारत मैच में पकड़ बना रहा था। हालांकि रूट को जॉनी बैर्स्टो का अच्छा साथ मिला और उन्होंने भारत के गेंदबाजों पर दबाव डाला। इन दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए 114 रनों की साझेदारी हुई। रूट जहां 80 रन बनाकर रन आउट हुए, तो बैर्स्टो ने 70 रनों की पारी खेली।

# कैच छोड़ना

भारतीय टीम जब भी विदेशों का दौरा करती है, स्लिप में फील्डर्स कैच जरूर छोड़ते हैं। इस बार भी हालात कुछ अलग नहीं थे। कुल मिलाकर दोनों पारियों ने 4 कैच छोड़े। सबसे पहले अजिंक्य रहाणे ने कीटन जेनिंग्स का कैच छोड़ा, इसके बाद दिनेश कार्तिक ने भी एक आसान कैच छोड़ा। दूसरी पारी में कैचिंग थोड़ी बेहतर हुई, लेकिन धवन ने दो कैच छोड़ दिए। कैच छूटने के बाद करन ने मैच में 50 रन बनाए और भारत अंत में इस मैच को 31 रनों से हारा।

Edited by Staff Editor
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