पाकिस्तान 6 सालों बाद इंग्लैंड मे टेस्ट खेलने के लिए पहुंची है, आख़िरी बार जब पाकिस्तानी क्रिकेट टीम साल 2010 में इंग्लैंड दौरे पर गई थी तो वह पाकिस्तान क्रिकेट इतिहास का शायद सबसे बुरा दौरा था। साल 2010 में लॉर्ड्स के ही मैदान पर मोहम्मद आमिर, सलमान बट और मोहम्मत आसिफ़ ने क्रिकेट को कलंकित कर दिया था। इन तीनों खिलाड़ियों को स्पॉट फ़िक्सिंग का दोषी पाया गया था, तीनो पाकिस्तानी खिलाड़ियों को जेल भी हुई थी। 5 सालों का बैन झेलने के बाद और सज़ा पूरी करने के बाद मोहम्मद आमिर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी तो कर ली है, लेकिन अब पहली बार उसी सरज़मीं पर खेलने के लिए तैयार हैं, जहां से उनके करियर और क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स को बदनामी मिली थी। दोनों ही टीमें इस सीरीज़ के लिए तैयार हैं, पाकिस्तानी कप्तान मिस्बाह-उल-हक और इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टर कुक भी अपनी टीम के बैलेंस को लेकर इत्मिनान से हैं। इस सीरीज़ से पहले हम आपके लिए इन दोनों देश के बीच खेले गए अब तक के 5 यादगार टेस्ट लेकर आए हैं। #1 लॉर्ड्स 1992 यहां बात वसीम अकरम और वक़ार युनिस की हो रही है, और जैसे ही इन दो दिग्गज गेंदबाज़ों का ज़िक्र होता है, ज़ेहन में टो क्रशिंग यॉर्कर और तेज़ बाउंसर की याद आती है। लेकिन 1992 में लॉर्ड्स में खेले गए टेस्ट मैच में उन दोनों की गेंदबाज़ी नहीं बल्कि बल्लेबाज़ी को याद कर रहे हैं। पाकिस्तान को जीत के लिए 135 रनों की दरकार थी और पाकिस्तान के 8 विकेट 95 रन पर गिर चुके थे। लग रहा था कि पाकिस्तान के लिए इस मैच में सबकुछ ख़त्म है, पर 9वें विकेट के लिए वकार और वसीम ने नाबाद 46 रनों की साझेदारी निभाते हुए पाकिस्तान को एक यादगार जीत दिला दी थी। वसीम अकरम ने उस मैच में 45 रनों पर नाबाद रहे थे और उन्हें मैन ऑफ़ द मैच से भी नवाज़ा गया था। #2 कराची 2000 कराची का नेश्नल स्टेडियम, शाम का वक़्त क़रीब क़रीब अंधेरा हो चला था, और दो अंग्रेज़ ख़ुशियों से झूम रहे थे, ये नज़ारा आज भी क्रिकेट फ़ैंस नहीं भूला सकते। इंग्लैंड के सामने पाकिस्तान ने 44 ओवर में 176 रनों का लक्ष्य रखा था, जिसका पीछा करते हुए इंग्लैंड ने शुरू से ही अपने इरादे साफ कर दिए थे। पहले 9 ओवर में ही माइकल अथर्टन और मार्कस ट्रेसकोथिक ने इंग्लिश टीम को 38 रनों पर पहुंचा दिया था। हालांकि, इंग्लैंड की पारी इसके बाद लड़खड़ा गई थी और उनके तीन विकेट 65 रनों पर गिर गए थे। पाकिस्तानी गेंदबाज़ भी मैच को ड्रॉ की ओर ले जा रहे थे, काफ़ी धीमी गति से गेंदबाज़ी हो रही थी, और अंत में पाकिस्तान को यही महंगा पड़ गया। पाकिस्तान ने बार बार ख़राब रोशनी की अपील की, लेकिन अंपायर स्टीव बकनर ने मैच जारी रखा, और नतीजा ये हुआ कि नासिर हुसैन और ग्रहम थोर्प ने अंधेरे में खेलते हुए इंग्लैंड को जीत दिला दी। #3 द ओवल 2006 पाकिस्तानी गेंदबाज़ों को हमेशा से रिवर्स स्विंग का सुल्तान माना जाता है, लेकिन आज से 10 साल पहले इंग्लैंड के ओवल में कहानी कुछ और लिखी गई। जब पिच पर पुरानी गेंदो से ऊमर गुल और मोहम्मद आसिफ़ ज़बर्दस्त रिवर्स स्विंग हासिल कर रहे थे, तो अंपायर डैरल हेयर ने इसे ग़लत करार दिया और दूसरी गेंद लाने के लिए कहा। अंपायर के इस फ़ैसले से पाकिस्तानी टीम आहत हुई और फिर चायकाल के बाद मैदान पर आने से पाकिस्तानी टीम ने इंकार कर दिया। पाकिस्तानी क्रिकेट टीम ने इसे ग़लत तरीक़े से लिया और कहा कि अंपायर के इस फ़ैसले से ऐसा लगता है जैसे हमने कोई बेमानी की हो। अंपायर ने इसके बाद विकेट पर से गिल्लियां बिखेर दीं, जो इस बात का संकेत था कि दिन का खेल ख़त्म हो गया। बाद में काफ़ी लंबी बैठक हुई और फिर ओवल टेस्ट को रद्द करार कर दिया गया। #4 लॉर्ड्स 2010 पाकिस्तान के लिए ये टेस्ट शायद उनके इतिहास का कलंकित टेस्ट मैच था, पूरी दुनिया को स्पॉट फ़िक्सिंग की ख़बरों ने झकझोर दिया था। मैच के चौथे दिन हुए एक बड़े ख़ुलासे ने ये साबित कर दिया था कि सलमान बट, मोहम्मद आसिफ़ और मोहम्मद आमिर ने पैसे लेकर स्पॉट फ़िक्सिंग को अंजाम दिया था। हालांकि मैच उसके बाद भी चलता रहा, और फिर इंग्लैंड ने पाकिस्तान को बुरी तरह उस टेस्ट मैच में शिकस्त दी। जिसके बाद इन तीनों खिलाड़ियों पर बैन लगा दिया गया, जेल भी हुई और अब 6 साल बाद सज़ा पूरी करने के बाद उनमे से एक मोहम्मद आमिर वापसी के लिए तैयार हैं। #5 अबु धाबी 2012 इस टेस्ट मैच को याद किया जाएगा इंग्लिश बल्लेबाज़ों की अब तक की सबसे ख़राब बल्लेबाज़ी के लिए। 145 रनों का पीछा करते हुए इंग्लिश टीम महज़ 72 रनों पर ढेर हो गई थी। बाएं हाथ के स्पिनर अब्दुल रहमान ने इंग्लिश बल्लेबाज़ों को अपनी स्पिन पर ख़ूब नचाया और पारी में सिर्फ़ 25 रन देकर आधा दर्जन विकेट बटोरे। 2-0 से सीरीज़ में आगे चल रही पाकिस्तान ने इस तीसरे टेस्ट को भी जीत कर इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 3-0 से क्लीन स्वीप किया, जो उस वक़्त की टेस्ट में नंबर-1 टीम पर एक धब्बे से कम नहीं था।