मिस्बाह-उल-हक़ के सीमित ओवर से संन्यास लेने के बाद अज़हर अली को वनडे की ज़िम्मेदारी दी गई। लेकिन अब तक अज़हर अली इस भूमिका में निराश करते आए हैं, और इंग्लैंड दौरे पर भी ये जारी रहा। हालांकि, अज़हर के बल्ले से रन आए लेकिन जिस रफ़्तार से उन्होंने रन बनाए, वह कम थे। जिसकी वजह से आने वाले बल्लेबाज़ों पर काफ़ी दबाव पड़ा और तेज़ी से रन बनाने की कोशिश में विकेट गिरती चली गईं। इंग्लैंड ने पूरी सीरीज़ में तेज़ी से रन बनाए, लेकिन अज़हर की बल्लेबाज़ी और उनके स्ट्राइक रेट ने इंग्लिश गेंदबाज़ों को काफ़ी मदद की। मौजूदा दौर के क्रिकेट में अज़हर अली जैसी बल्लेबाज़ी कहीं से तारीफ़ के क़ाबिल नहीं है और वह भी तब जब टीम को सही कॉम्बिनेशन की तलाश हो।
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