इस साल के अंत में खेली जाने वाली एशेज सीरीज से पहले ही इंग्लैंड क्रिकेट टीम अपनी कमर जमकर कस रही है। जहां इंग्लैंड इस साल नवम्बर के आखिरी में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेगा। वहीँ दोनों टीमों के बीच एशेज सीरीज का पहला टेस्ट मैच 23 नवम्बर से ब्रिसबेन क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जाएगा। इसके बाद इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सीरीज खेलेगा। उसके बाद टी20 त्रिकोणीय सीरीज का आयोजन किया जाएगा। जिसमें ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के अलावा तीसरी टीम न्यूजीलैंड की होगी। वहीँ साल के इस सबसे बड़े क्रिकेट दौरे को लेकर इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कप्तान जो रूट ने अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर की है। उन्होंने अपने आखिरी ऑस्ट्रेलियाई दौरे को याद करते हुए एक प्रेसवार्ता में अपने दिल का हाल बयां किया है। बकौल, जो रूट "जब मैं पहली बार ब्रिसबेन में टेस्ट मैच खेलने उतरा था, तब परिस्थितियां मेरे लिये बहुत कठिन थीं" "उसके बाद मैंने अपनी कमजोरियों को पहचाना, मैंने जमकर मेहनत की, लोगों ने भी मेरा बखूबी साथ दिया और मेरा हौंसला बढ़ाया, उन लोगों ने मुझसे कहा था कि आपको गेंद के सामने आकर खेलना चाहिए, लेकिन सच तो यह था कि वह 95 mph की रफ़्तार से बाउंसर लगा रहे थे, इसलिए आगामी दौरे पर हमें परिस्थितियों के अनुसार संभलकर खेलने की ज़रुरत है": जो रूट उसके बाद उन्होंने कहा "मेरे हिसाब से जो मुझे सीखना था, उसको मैं उस दौरे पर ही सीख चुका हूँ, तभी से मेरा क्रिकेट सफ़र शानदार रहा है, उसके बाद मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ा है और मैं बेहतरीन महसूस कर रहा हूँ, आखिरी कुछ सालों में मेरी तकनीक ज़बरदस्त रही है, लेकिन बहुत सारे मौके ऐसे भी आए हैं जहां में 50-100 रनों के बीच आउट हुआ हूँ" आपको बता दें कि इंग्लैंड का आखिरी ऑस्ट्रेलियाई दौरा बिलकुल भी ख़ास नहीं गुज़रा था। जहां 2013-14 में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को एशेज सीरीज में 5-0 से पराजित किया था। उस दौरान जो रूट ने 27.42 की औसत से केवल 192 रन ही बनाए थे।