Deepti Sharma को गलत बताने वालों को आईसीसी से सवाल पूछना चाहिए

दीप्ति शर्मा ने इंग्लैंड की अंतिम बल्लेबाज को आउट किया था
दीप्ति शर्मा ने इंग्लैंड की अंतिम बल्लेबाज को आउट किया था

दीप्ति शर्मा (Deepti Sharma) ने इंग्लैंड की बल्लेबाज शार्लेट डीन को तीसरे एकदिवसीय मैच में नियमों के तहत आउट कर दिया। इसे लेकर इंग्लैंड के क्रिकेटरों की तरफ से नाराजगी वाले ट्वीट देखे गए। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर आकर दीप्ति के इस कृत्य की आलोचना की। हालांकि भारत से दीप्ति को पूरा सपोर्ट मिला और उनके कार्य की सराहना भी की गई।

आईसीसी नियमों के अनुसार गेंद डालने से पहले नॉन स्ट्राइक छोर से बाहर रहने वाले बल्लेबाजों को गेंदबाज रन आउट कर सकते हैं। दीप्ति ने इंग्लिश बल्लेबाज डीन को आउट करने के लिए इस नियम का सहारा लिया। दीप्ति ने गिल्लियां बिखेर दीं और तीसरे अम्पायर ने डीन को आउट दिया। इसके बाद इंग्लैंड के पुरुष और महिला खिलाड़ी खेल भावना की बात करने लगे।

इंग्लैंड के खिलाड़ी शायद भूल रहे हैं कि आईसीसी ने नियम बनाया था और आईसीसी के नियुक्त अम्पायर ने ही बल्लेबाज को आउट दिया था। दीप्ति ने सिर्फ वही किया जो नियमों के अंतर्गत आता है। आईसीसी के आउट करने के तरीकों में इसे रन आउट करार दिया गया है, तो इसमें खेल भावना की बात आनी ही नहीं चाहिए।

खेल भावना की बात उस समय की जानी चाहिए जब किसी ने नियमों के विरुद्ध जाकर काम किया हो और आईसीसी भी उसे सही नहीं मानती हो। दीप्ति के मामले में तो आईसीसी ने ही नियम बनाया हुआ है, तो इसे खेल भावना से जोड़ने का तर्क सही नहीं है।

खेल भावना के विरुद्ध बॉल टैम्परिंग और पिच टैम्परिंग जैसी घटनाएं आती हैं। ये खेल भावना और पूरे खेल के विरुद्ध भी आती हैं और ऐसा इसलिए है क्योंकि आईसीसी ने इन सब कामों को अवैध माना है। ऐसे में नियम के तहत कार्य करने में और खेल भावना में एक बड़ा अंतर स्पष्ट हो जाता है। इंग्लैंड के खिलाड़ियों को दीप्ति के कार्य पर सवाल खड़ा करने से पहले आईसीसी को कटघरे में खड़ा करना चाहिए कि आपने ऐसा नियम वैध क्यों माना है और तीसरे अम्पायर ने बल्लेबाज को आउट क्यों दिया?

Quick Links

Edited by निरंजन
App download animated image Get the free App now