आपराधिक संलिप्ता के बावजूद जैकब मार्टिन बने रणजी कोच

क्रिकेट के इतिहास में कई बार ऐसा देखा गया है कि खिलाड़ियों द्वारा मैदान के बाहर किये गए बुरे व्यावहार का उन्हें कभी न कभी खामियाज़ा भुगदना पड़ा है। हालांकि ये उनकी जाति जीवन का पहलू है पर कहीं न कहीं इसका असर उन्हें भविष्य में झेलना पड़ जाता है। वैसे तो क्रिकेट जगत में कई नियम बने हुए हैं और जो इन नियमों का पालन न करे या कभी उस नियम को तोड़े तो उसे क्रिकेट के बोर्ड द्वारा कड़ी से कड़ी सजा भी दी जाती है। कई ऐसे भी मौके आये हैं जब खिलाड़ियों को इन नियमों का उल्लंघन करने पर संन्यास तक की सजा सुनाई गई है जिससे खिलाड़ियों का करियर ख़त्म भी हुआ है। लेकिन काफी कम ही है ऐसे खिलाड़ी है जिन्हें इन नियमों के उल्लंघन के बाद दोषी पाए जाने पर या फिर किसी आपराधिक संलिप्ता से उभरकर बाहर आने पर क्रिकेट जगत में एक सम्मान मिला हो। हाल में ही ऐसा एक वाक्या सामने निकलकर आया है जिसके सामने आने से क्रिकेट जगत में हर तरफ आलोचनाओं का माहौल बना हुआ है। इस मुद्दे को लेकर सभी बड़े खिलाड़ी और बोर्ड सकते में हैं। मुद्दा पूर्व भारतीय खिलाड़ी जैकब मार्टिन से जुड़ा है। हाल ही में मार्टिन को बरोडा क्रिकेट संघ (बीसीए) ने रणजी टीम का कोच बना दिया। मार्टिन के कोच बनते ही ये खबर आग की तरह क्रिकेट जगत में फैल गई। बीसीए के इस फैसले की पूरे क्रिकेट जगत में निंदा हो रही है। और वो सिर्फ इसलिए कि मार्टिन का एक पुराना अपराधिक रिकॉर्ड है जिसकी वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। बरोदा के कुछ अधिकारी और खिलाड़ियों का मानना है कि ये लोढ़ा समिति के विरुद्ध उठाया गया एक कदम है। उन्होंने बीसीसीआई की ओर भी इशारा करते हुए कहा कि उनका जो चयनकर्ताओं के लिए जो निर्धारित मापदंड है वो बहुत कड़ा है। छह साल पहले साल 2009 में जैकब मार्टिन को दिल्ली पुलिस द्वारा मानव तस्करी के केस में हिरासत में लिया गया था। अब देखना ये है कि इस पूर्व खिलाड़ी के चयन के बाद ये चर्चा आगे और कितनी तूल पकड़ती है।