चेतेश्वर पुजारा भारतीय बल्लेबाजी क्रम के महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। अगर 1 जनवरी 2012 से देखे तो भारतीय सरजमीं पर उनसें ज्यादा रन किसी ने नई बनाए हैं। पुजारा ने 2012 से लेकर आजतक 24 टेस्ट मैच भारतीय जमीन पर खेले है, जिनमें उनके नाम 64.08 की शानदार औसत से 2179 रन है। इन 24 मैचों में पुजारा ने 8 शतक भी लगाए । इंग्लैंड के खिलाफ खत्म हुई टेस्ट सीरीज में भी भारत की तरफ से उन्होंने विराट कोहली के बाद सबसे ज्यादा रन बनाए 401 रन बनाए। 5 मैचों की सीरीज में पुजारा ने 2 शतक भी लगाए। स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी और फॉर्म पर बात की: सवाल- न्यूजीलैंड के खिलाफ आपने तीन अर्धशतक लगाए, लेकिन उन्हें शतक में तब्दील नहीं कर पाए। इससे आपको गुस्सा आया क्योंकि आप हमेशा से ही बड़े स्कोर के लिए जाने जाते हैं? जवाब- मैं पूरे आत्मविश्वास के साथ अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वह पारियां मुश्किल समय में आई थी और हमनें वह दोनों टेस्ट मैच जीते थे। कई बार एक अर्धशतक भी टीम की जीत में निर्णायक योगदान देता है। लेकिन हां मैं हमेशा से ही बड़ा स्कोर बनाना चाहता हूं। लेकिन मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोच रहा था क्योंकि मुझे पता था कि एक शतक बनाते ही सब ठीक हो जाएगा। उसके बाद आपने देखा मैंने न्यूजीलैंड के खिलाफ इंदौर में शतक लगाया और 101 रन की नाबाद पारी खेली। सवाल- आपने इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट और विशाखापत्तम में दो लगातार शतक लगाए। इस दौरान आपने कुछ अलग किया? जवाब- नहीं, मैंने कुछ अलग नहीं किया। जैसा कि मैंने कहा मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं। मैंने पहले भी ऐसा किया हुआ है, और ऐसा कोई कारण नहीं है कि मैं दोबारा ऐसा न कर पाऊं। मेरे ऊपर कोई दबाव नहीं था। सवाल- अपने घर राजकोट में शतक बनाकर कैसा लगा? जवाब- ये काफी रोमांचक और संतोषजनक है। आपको पता है कि आपके दोस्त और रिश्तेदार आपकी बल्लेबाजी देखने आए हैं। सभी लोग चाहते थे कि मैं एक शतक लगाऊं, यहां मैं एक क्रिकेटर के तौर पर परिपक्व हुआ। अपने घर में मैं शतक लगाकर मैं बहुत खुश था। सवाल- इस दशक में इंग्लैंड ही ऐसी टीम है जिसनें भारत को उसी के घर में टेस्ट सीरीज में हराया है। 2012 की सीरीज हार का बदला दिमाग में था? जवाब- जब आप इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते हैं तो इस बारे में नहीं सोचते। पूरी भारतीय टीम अच्छी क्रिकेट खेल कर सीरीज जीतना चाहती थी। हां व्यक्तिगत तौर पर 2012 की सीरीज मेरे लिए अच्छी रही थी। मैंने उस सीरीज में दोहरा शतक लगाया था। इस प्रदर्शन ने मुझे बहुत आत्मविश्वास दिया। सवाल- अगर इंग्लैंड के 2012 के गेंदबाजी आक्रमण से इस सीरीज के गेंदबाजी आक्रमण की तुलना करें तो इंग्लैंड के कप्तान ने अपने स्पिनर्स को साधारण कहा। आपको क्या लगता है? जवाब- मेरे हिसाब से उन्हें भारतीय पिचों पर गेंदबाजी करने का अनुभव नहीं था। मैं उन्हें अनुभवहीन कहूंगा, साधारण नहीं। लेकिन आप ये भी मत भूलिए कि उनकें पास जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड थे, जो 2012 में भी थे। मेरे ख्याल से इंग्लैंड के पास अच्छा गेंदबाजी आक्रमण था। सवाल- अगर न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ पिच की बात करें तो उनमें ज्यादा टर्न नहीं था। क्या इसनें भी जीत को और यादगार बना दिया? जवाब- जब आप एक इंटरनेशनल टीम हो तो पिच के बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए। दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम किसी भी प्रकार की पिच पर जीत सकती है। हम हर प्रकार की पिच पर जीतने की काबिलियत रखते हैं। सवाल- टीम के दो सबसे बड़े मैच विजेता खिलाड़ी आर अश्विन और विराट कोहली के बारे में क्या कहेंगे? जवाब- दोनों ही शानदार क्रिकेटर हैं और दोनों ही निरंतर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका टीम में होना अच्छा है। विराट एक बेहतरीन कप्तान है। वह जानते है कि कम से कम साधन में ज्यादा से ज्यादा उपयोग लेना है। सवाल- वेस्टइंडीज दौरे पर आपकी स्ट्राइक रेट के बारे में बहुत चर्चा हुई। विराट ने कहा कि आपको स्ट्राइक रेट बढ़ानी होगी, वहीं अनिल कुंबले ने कहा कि इसमें कुछ गलत नहीं है। सच क्या था? जवाब- विराट कोहली और अनिल कुंबले ने मुझसे बात की। और वह बात स्ट्राइक रेट से ज्यादा सकारात्मक सोच के बारे में हुई थी। मैंने वो सकारात्मकता बल्लेबाजी में दिखाई। न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ तीनों शतक में मेरी स्ट्राइक रेट 60 के करीब रही। इंदौर में तो वह 70 के करीब थी। ये दिखाता है कि उस सोच ने मेरी कितनी मदद की। अनिल कुंबले ने मुझसे कहा कि मैंने घरेलू क्रिकेट में बड़े शतक लगाए है और ऐसा कोई कारण नहीं है कि मैं उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में नहीं दोहरा सकता। उस बातचीत ने मेरी बहुत मदद की, जिसके कारण मैं अपने प्रदर्शन में सुधार ला पाया। आप उसका नतीजा भी देख सकते हैं। सवाल- आपने ज्यादातर रन और शतक भारतीय सरजमीं पर बनाए हैं। क्या कारण है कि आप घरेलू जमीन पर शानदार बल्लेबाज हैं? सवाल- मेरे ख्याल से घरेलू क्रिकेट में खेलने का अनुभव बहुत काम आता है। आपको अलग अलग तरह की पिच पर खेलने का अनुभव होता है। मुझे रिकॉर्ड के बारे में जानकारी नहीं है लेकिन अपनी टीम के लिए अच्छा खेलना संतोषजनक है। मैं ये भी मानता हूं कि इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मैं अपेक्षा पर नहीं उतरा। लेकिन मैंने दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका में अच्छा प्रदर्शन किया इसलिए ये कहना गलत होगा कि मैं विदेशो में पूरी तरह से फेल रहा। सवाल- भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज खेलनी है। आप ऑस्ट्रेलिया टीम को कैसे आंकते हैं? आपने इसके लिए कोई खास तैयारी की है? जवाब- मेरे हिसाब से ऑस्ट्रेलिया मजबूत टीम है। वह हमेशा प्रतिस्पर्धी और जुझारू रहते हैं। मैं सिर्फ अपने खेल पर ध्यान दूंगा और अपनी अच्छी फॉर्म को जारी रखूंगा। मैंने कुछ प्लान बनाए हैं कि उनकी गेंदबाजों को कैसे खेलूंगा, उम्मीद है वह कामयाब रहेगा।