भारतीय टीम के फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने कहा है कि एकदिवसीय मैचों में हम प्रयोग करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि श्रीलंका के खिलाफ दूसरे एकदिवसीय मुकाबले में मध्यक्रम के ढहने से हमारी रणनीति पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। हम आगे के मैचों में ऐसे ही प्रयोग करते रहेंगे। आर श्रीधर ने कहा कि ' हम हर मैच से कुछ ना कुछ सीखना चाहते हैं। जिस तरह से पिछले मैच में हमारी मध्यक्रम की बल्लेबाजी ढही उससे हमें काफी कुछ सीखने को मिला। यहां तक कि श्रृंखला शुरु होने से पहले हम सबको पता था कि हम कुछ ना कुछ प्रयोग करेंगें। ऐसा अगले 18 महीने तक और चलेगा, इससे काफी कुछ नया सीखने को मिल रहा है। आर श्रीधर ने पिछले मैच में भारतीय बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त करने वाले श्रीलंकाई स्पिनर अकीला धनंजय की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि अकीला ने पिछले मैच में शानदार गेंदबाजी की। हम अपनी गलतियों से सबक लेंगें और सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी गलतियां दोबारा ना हों। आपको बता दें श्रीलंका के खिलाफ दूसरे एकदिवसीय मुकाबले में अकीला धनंजय ने 6 विकेट चटकाए थे। इसकी वजह से एक समय भारतीय टीम का स्कोर 131 रनों पर 7 विकेट हो गया था। बल्लेबाजी क्रम में बदलाव के बारे में आर श्रीधर ने कहा कि ' हम दूसरे बल्लेबाजों को भी मौका देना चाहते थे क्योंकि के एल राहुल ने एकदिवसीय मैचों में मध्यक्रम में बल्लेबाजी नहीं की थी इसलिए हम उसे अवसर देना चाहते थे। ये केवल एक प्रयोग था लेकिन ये आगे भी जारी रहेगा। आर श्रीधर ने कहा कि ' हम अलग-अलग क्रम पर अलग-अलग बल्लेबाजों को आजमाएंगे। जिससे उस नंबर का सबसे बेहतरीन प्लेयर हमें मिल सके। टीम मैनेजमेंट इसको लेकर लगातार कोशिश कर रही है। हार्दिक पांड्डया की चोट को लेकर आर श्रीधर ने कहा कि वो अब ठीक हो गए हैं और अगले मैच के लिए उपलब्ध हैं। आर श्रीधर ने महेंद्र सिंह धोनी की भी जमकर तारीफ की और कहा कि 'मैच से पहले तैयारी में महेंद्र सिंह धोनी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते हैं। वे काफी प्रोफेशन खिलाड़ी हैं। फिटनेस के अलावा भारतीय टीम इस वक्त फील्डिंग पर काफी जोर दे रही है। कप्तान विराट कोहली खुद एक बहुत अच्छे फील्डर हैं। फील्डिंग कोच श्रीधर ने कहा कि ' खिलाड़ियों के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा की बात ये है कि वो अपने देश की तरफ से खेल रहे हैं। जहां तक फील्डिंग का सवाल है तो ये सब काम के बोझ पर निर्भर कता है। अगर कोई खिलाड़ी 5 या 8 मैच लगातार खेल रहा है तो हम उसको लेकर बहुत सावधानी बरतते हैं। उन्होंने कहा कि हम मैदान पर इस तरह की एक्सरसाइज करवाते हैं जो कि मैदान पर खेलते समय के वर्कलोड की तरह होती है। जो खिलाड़ी नहीं खेल रहा है उसके लिए वर्कलोड थोड़ा ज्यादा होता है। इन सब चीजों पर हम बड़ी बारीकी से निगाह रखते हैं ताकि खिलाड़ी जब मैदान पर उतरें तो अपना 100 प्रतिशत दे सकें। हालांकि आर श्रीधर भारतीय टीम की ग्राउंड फील्डिंग से संतुष्ट नजर आए। उन्होंने कहा कि अगर हम टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो पिछले 3 से 4 सालों में हमारी ग्राउंड फील्डिंग में काफी सुधार हुआ है। पिछले कुछ सालों में शायद हमने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन आउट किए हैं। श्रीधर ने कहा कि एकदिवसीय मैचों में हमारे पास काफी अच्छी फील्डिंग यूनिट है। थोड़ी बहुत गलती हो जाती है खेल में ये सब चलता रहता है लेकिन हमें अपनी फील्डिंग पर गर्व है। विराट कोहली और रवि शास्त्री हमेशा यही मानकर चलते हैं कि विकेटकीपर के साथ 10 सबसे अच्छे फील्डर मैदान पर उतर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वनडे मैचों में मैदान पर और ज्यादा ऊर्जा लगानी होती है। जहां गेंद ज्यादा जाती है वहां आपको हमेशा अलर्ट रहना होता है। ऐसा लगभग 4 घंटे तक चलता है जिसका हमारे प्रदर्शन पर भी असर पड़ता है। मुझे लगता है कि इस समय हमारे पास दुनिया के सबसे बेहतरीन फील्डर हैं। मैं इसे और बढ़िया बनाने की कोशिश कर रहा हूं। ग्राउंड फील्डिंग के अलावा श्रीधर भारतीय टीम के स्लिप की फील्डिंग को सुधारने के लिए काफी कोशिश कर रहे हैं। स्लिप की फील्डिंग को लेकर उन्होंने कहा कि 'ये सब उस विशेष खिलाड़ी पर निर्भर करता है। हम बिल्कुल भी फैसला नहीं कर सकते कि ये तीन खिलाड़ी यहां पर फील्डिंग करेंगे। इसमें बहुत सारी चीजें होती हैं। कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है तो कोई टीम का हिस्सा नहीं होता है। हम ये फैसला तभी लेते हैं जब एक बार टीम की घोषणा हो जाती है। श्रीधर ने आगे कहा कि जब हमारे पास 15 खिलाड़ियों की सूची आ जाती है तब विराट कोहली, रवि भाई और मैं बैठकर इस बारे में चर्चा करते हैं कि किस खिलाड़ी को कहां लगाना है। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान फील्डिंग में कुछ गड़बड़ियां हुईं थी। जिसके बाद श्रीलंका में हमने 7 दिनों तक उस पर काम किया। मुझे खुशी है कि हमें उसका फल मिला। श्रीधर ने कुछ खिलाड़ियों की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि ' चेतेश्वर पुजारा, अंजिक्या रहाणे, केएल राहुल, और खुद कप्तान विराट कोहली ने कुछ अच्छे काफी करीबी कैच पकड़े हैं। रिद्धिमान साहा ने भी काफी अच्छी विकेटकीपिंग की है। उन्होंने कहा कि हम फील्डिंग की जगह और उसकी तकनीक पर काम करते हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि खिलाड़ी खुद फील्डिंग को लेकर संज्ञान लेते हैं। वे हर एक मौके को भुनाना चाहते हैं। इससे हमें काफी फायदा मिला है।